पेट्रोल और डीजल की कीमतें साल 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई है, बावजूद इसके देश में पेट्रोल, डीजल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है.
पेट्रोल और डीजल की कीमतें साल 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई हैं, बावजूद इसके देश में पेट्रोल, डीजल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. मुंबई में तो पेट्रोल के दाम बुधवार को करीब 80 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया. मोदी सरकार के आने के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 53 फीसदी तक कम हो गए हैं, लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम घटने की बजाय बेतहाशा बढ़ गए हैं. इसके पीछे असली वजह यह है कि तीन सालों के दौरान सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कई गुना बढ़ा दी है.
मोटे अनुमान के अनुसार पेट्रोल पर ड्यूटी 10 रुपये लीटर से बढ़कर करीब 22 रुपये हो गई है. आइये हम आपको बताते हैं कि कैसे लगभग 27 रुपये का पेट्रोल हमारे पास आते-आते 70 और 80 रुपये का हो जाता है. दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 70 रुपये 38 पैसे है. एक लीटर पेट्रोल की रिफाइनरी से खरीदने की कीमत 26.65 रुपये होती है. इस पर 4.5 रुपये मार्केटिंग मार्जिन और खर्च आता है. इसके साथ ही इस पर 21.48 रुपये सेंट्रल टैक्स लगता है.
इसके बाद यह टोटल 52 रुपये 18 पैसे हो जाता है. इस पर डीलर का कमीशन 3 रुपये 24 पैसे होता है और इसके बाद लोकल वैट और सेस 14.96 रुपये लगता है. यानी 26 रुपये 65 पैसे में रिफाइनरी से खरीदा जाने वाला पेट्रोल आपके पास आते-आते 70 रुपये का हो जाता है.