वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान: नीति आयोग

वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान: नीति आयोग

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वित्त वर्ष 2016-17 में कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद आर्थिक वृद्धि दर घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गयी.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि 2013-14 में शुरू आर्थिक नरमी की स्थिति से देश बाहर आ गया है और चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत से 7.0 प्रतिशत रह सकती है. वहीं 2018-19 में इसके 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2016-17 में कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद आर्थिक वृद्धि दर घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गयी. उसी वित्त वर्ष के नवंबर में सरकार ने 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया. यह चलन में मौजूद कुल करेंसी का 87 प्रतिशत था. तिमाही आधार पर भी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के न्यूनतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि 2018 की पहली तिमाही में आप मजबूत पुनरुद्धार देखेंगे और वित्त वर्ष 2018-19, वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले अधिक बेहतर होगा और उसके बाद यह स्थिति बनी रहेगी क्योंकि यह अधिक सतत आधार पर होगा.’

उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में करीब 6.9 से 7.0 प्रतिशत रहेगी.’ कुमार ने कहा, ‘अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहेगी.’ नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि देश ने 2007-13 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया और 2013-14 में गिरावट का दौर शुरू हुआ. इसका मुख्य कारण 2007 से ऐसी परियोजनाओं को कर्ज दिया गया जो उसके लिये योग्य नहीं थी.

उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2007-13 के बीच उच्च आर्थिक वृद्धि दर का कारण कर्ज में उल्लेखनीय वृद्धि और निजी ऋण में बढ़ोतरी थी जिस पर कोई नियंत्रण नहीं था. बैंकों ने अपात्र परियोजनाओं को कर्ज दिया और वह भी पूरी तरह गलत आकलन के आधार पर.’ कुमार ने कहा कि वर्ष 2013 के बाद वृद्धि अटकी जिसका कारण नीतियों को लेकर रुख था. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही यह शुरू हुआ, सभी ऋण फंसे कर्ज बनने लगे और इसीलिए गिरावट का दौर शुरू हुआ.’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘मेरा मानना है कि गिरावट का दौर जुलाई में खत्म हो गया और उसमें सुधार शुरू हुआ.’

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने चालू वित्त वर्ष के लिये देश के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 0.5 प्रतिशत घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है. वहीं विश्वबैंक ने आर्थिक वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान जताया है जबकि पूर्व में इसके 7.2 प्रतिशत रहने की बात कही गयी थी. एशियाई विकास बैंक ने भी आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है.

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