प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के मकसद से सरकार ने प्याज पर स्टॉक सीमा की अवधि दिसंबर तक बढ़ा दी है.
प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के मकसद से सरकार ने प्याज पर स्टॉक सीमा की अवधि दिसंबर तक बढ़ा दी है. सीमित आपूर्ति के कारण थोक और खुदरा दोनों ही बाजारों में प्याज की कीमतों में भारी वृद्धि को देखते हुए इसका तय स्टॉक रखने की समयसीमा का आगे विस्तार किया गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत 50 रुपये किलो तक पहुंच गई है. दूसरे महानगरों में यह कीमत 30 से 40 रुपये किलो के दायरे में है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि सरकार ने एक तय सीमा से अधिक प्याज का स्टॉक रखने पर प्रतिबंध की अवधि को तीन माह बढ़ाकर दिसंबर, 2017 तक कर दिया है.
राज्यों को व्यापारियों पर प्याज का स्टॉक रखने की सीमा को तय करने और एक सीमा से अधिक इसकी जमाखोरी पर प्रतिबंध लगाने का पहले जारी आदेश 31 अक्टूबर को समाप्त होने वाला था. पासवान ने ट्वीट किया, ‘प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए प्याज का स्टॉक रखने की तयशुदा सीमा को 31 अक्टूबर, 2017 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2017 किया गया है.’ उन्होंने कहा कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि त्योहारों के दौरान उपभोक्ताओं को उपयुक्त दर पर प्याज की उपलब्धता को सुनिश्चित कराएं.
कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में प्याज उत्पादन 5.8 प्रतिशत घटकर 197.13 लाख टन रहने का अनुमान जताया है जो उत्पादन इसके पिछले वर्ष 209.31 लाख टन हुआ था.