दूरसंचार विभाग ने सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज के रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के साथ विलय के सौदे को मंजूरी दे दी है.
दूरसंचार विभाग ने सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज के रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के साथ विलय के सौदे को मंजूरी दे दी है. इस सौदे के सिरे चढ़ने से देश में मोबाइल कंपनियों की संख्या घटकर 10 रह जाएगी.
अनिल अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) ने एक बयान में कहा है कि दूरसंचार विभाग ने सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज लिमिटेड (एसएसटीएल) के वायरलैस कारोबार को आरकॉम में अलग करने की मंजूरी दे दी है.
दूरसंचार विभाग ने इस सौदे को 20 अक्तूबर को मंजूरी दी. इस सौदे के तहत एसएसटीएल की समूची वायरलैस कारोबारी संपत्तियां आरकॉम के अधीन आएंगी. हालांकि एमटीएस ब्रांड अलग बना रहेगा. सौदे के तहत एसएसटीएल को आरकॉम में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी. इस सौदे को दूरसंचार विभाग की मंजूरी ऋण बोझ से दबी आरकॉम के लिए कुछ राहत माना जा रहा है क्योंकि एयरसेल के साथ उसका प्रस्तावित विलय सौदा इसी महीने टूट गया.
आरकॉम के अनुसार इस सौदे से जुड़े लेनदेन नवंबर 2017 के पहले सप्ताह तक सिरे चढ़ सकते हैं. इससे आरकाम को एक साथ 20 लाख और ग्राहक तथा 700 करोड़ रुपए वार्षिक का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है. इसके साथ आर काम को 800/ 850 मेगा हर्ट्ज बैंड में 30 मोगा हर्ट्ज का मूल्यवान स्पेक्ट्रम भी हासिल होगा. बयान में कहा गया है कि इस विलय से दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, कोलकाता, पश्चिम बंगाल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित 12 सर्किलों में इस बैंड के स्पेक्ट्रम की मियाद 12 साल और बढ़ 2033 तक पहुंच जाएगी. कंपनी को एसएसटीएल से मिलने वाले स्पेक्ट्रम के लिए अगले आठ साल तक सरकार को हर साल 390 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा.