नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे संरचनात्मक सुधारों के प्रभाव के बाद हाल के समय कई मानकों पर सुधार देखा जा रहा है.
भारतीय अर्थव्यवस्था अपने निचले स्तर को छूने के बाद अब उबरने लगी है. हालांकि, अर्थव्यवस्था की सुधार की रफ्तार काफी हद तक सरकार द्वारा अब से आगे लिए जाने वाले कदमों पर निर्भर करेगी. डन एंड ब्रैडस्ट्रीज के ताजा इकनॉमी आब्जर्वर इंडेक्स में यह निष्कर्ष निकाला गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे संरचनात्मक सुधारों के प्रभाव के बाद हाल के समय कई मानकों पर सुधार देखा जा रहा है. डन एंड ब्रैडस्ट्रीट इंडिया के लीड अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा किअर्थव्यवस्था अपने निचले स्तर से बाहर आ चुकी है.
हालांकि, अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार सरकार के अब से आगे उठाए जाने वाले कदमों पर निर्भर करेगी. यह देखना होगा कि सरकार वृद्धि को रफ्तार देने के लिए क्या कदम उठाती है. विशेषरूप से निजी क्षेत्र के निवेश पर सभी की निगाह होगी क्योंकि इसके बिना हम महत्वाकांक्षी वृद्धि दर के लक्ष्य को नहीं पा सकते.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी ओर जीएसटी जैसे सुधार का प्रभाव काफी हद तक अनुमानित था, लेकिन प्रभाव कितना होगा यह आकलन नहीं लगाया गया था. कुछ मानदंडों पर सुधार हुआ है. उम्मीद करेंगे कि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर टिकाऊ रहे और इसकी वजह सिर्फ त्योहारी मांग न हो.