केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से नियमों में संशोधन से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा.
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए मकान खरीदने के लिए लोन शर्तों में ढील दी है. आवास की बढ़ती जरूरतों को देखते हुये सरकार ने एचबीए नियमों को आसान बनाने की पहल की है. इससे भवन निर्माण क्षेत्र में छाई मंदी से भी उबरने में मदद मिलेगी. अब केंद्रीय कर्मी पहले से ज्यादा एडवांस ही नहीं ले सकेंगे बल्कि उन्हें पहले की अपेक्षा ब्याज भी कम भरना पड़ेगा. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिये हाउस बिल्डिंग एडवांस नियमों में बदलाव किया है. अब वह एक करोड़ रुपये तक की कीमत वाले घर बनाने या खरीदने के लिये 25 लाख रुपये तक का एडवांस ले सकेंगे. इससे पहले यह सीमा तीस लाख रुपये तक के मकान के लिए 7.50 लाख रुपये थी.
मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिये आवास हेतु भवन निर्माण के लिये एडवांस राशि जारी करने के नियमों (एचबीए) में बदलाव कर यह सुविधा शुरू की है. मौजूदा व्यवस्था में भवन निर्माण या खरीद के लिये मकान की अधिकतम कीमत 30 लाख रुपये थी और इसके लिए 7.50 लाख रुपये तक का ही एडवांस मिलता था.
मंत्रालय की ओर से नियमों में संशोधन की आज जारी जानकारी के मुताबिक इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा. नए नियमों के मुताबिक पति और पत्नी, दोनों के केंद्रीय कर्मचारी होने की स्थिति में दोनों को एक साथ या अलग-अलग एडवांस लेने की छूट दी गई है. इससे पहले सिर्फ पति या पत्नी को ही एडवांस राशि लेने का विकल्प दिया गया था. हालांकि केंद्रीय कर्मचारी को उसके जीवनकाल में एक ही बार एडवांस राशि लेने का नियम अब भी बरकरार है.
इसी तरह, अगर कोई कर्मी अपने मकान का विस्तार करना चाहता है तो वह अब 10 लाख रुपये तक का ऐडवांस ले सकेगा. पहले यह सीमा महज 1.80 लाख रुपये ही थी. सरकार ने ब्याज दरों में छूट देकर राहत दी है. पहले इस तरह के ऐडवांस हाउस लोन पर 9.5 फीसदी ब्याज लिया जाता था लेकिन अब यह 8.5 फीसदी लिया जाएगा. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आवास की बढ़ती जरूरतों को देखते हुये सरकार ने एचबीए नियमों को आसान बनाने की पहल की है. इससे भवन निर्माण क्षेत्र में छाई मंदी से भी उबरने में मदद मिलेगी.