लोहानी ने अपने फेसबुक पृष्ठ पर एक टिप्पणी में शनिवार (25 नवंबर) रात कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए एक कार्ययोजना लागू करने की जरूरत है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने उत्तर प्रदेश में शुक्रवार (24 नवंबर) को हुई रेल दुर्घटना का उल्लेख करते हुए कहा है कि दशकों की उपेक्षा और रख-रखाव के अभाव का रेलवे के बुनियादी ढांचे पर बुरा असर दिख रहा है और हमें उसकी कीमत चुकानी पड़ रही है. उन्होंने रेल ढांचे के विस्तार की जगह मौजूदा ढांचे को मजबूत बनाने की जरूरत पर बल दिया है. लोहानी ने अपने फेसबुक पृष्ठ पर एक टिप्पणी में शनिवार (25 नवंबर) रात कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए एक कार्ययोजना लागू करने की जरूरत है. लोहानी चित्रकूट जिले के माणिकपुर में दुर्घटनास्थल का दौरा करने गये थे.
रेलवे बोर्ड के प्रमुख ने लिखा है, ‘‘माणिकपुर की घटना चिंता का विषय है. दशकों से बुनियादी ढांचे के रख-रखाव की उपेक्षा का दुष्परिणाम सामने आ रहा है. विस्तार की जगह मजबूती लाने को प्राथमिकता दिये जाने की जरूरत है और इसके लिए बहुत ही जल्द एक कार्ययोजना आनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि पूरा देश चाहता है कि रेलवे अपनी व्यवस्था दुरुस्त करे पर वास्तविकता है कि इसमें समय लगेगा और इसकी कुछ लागत चुकानी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि लागत को किसी भी सूरत में चुकानी होती है.
गौरतलब है कि 23-24 नवंबर के दरम्यान 12 घंटे में उत्तरप्रदेश और ओडिशा में चार रेल दुर्घटनाएं हुई जिनमें सात लोगों की मृत्यु हो गयी और कम से कम 11 लोग घायल हो गये. माणिकपुर की दुर्घटना तड़के 4:18 बजे हुई थी. वहां वास्को डिगामा-पटना एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गये थे. इस दुर्घटना में तीन लोगों की जान गयी. मरने वालों में छह साल का एक बच्चा और उसके पिता भी थे.
लाहानी ने लिखा है, ‘‘रेलवे में 13 लाख से अधिक कर्मचारी हैं. इसके हर कर्मचारी को यह भान होना चाहिए कि कोई भी चीज मुफ्त में नहीं मिलती. फिर भी इसकी प्रणाली और इसके अंग-उपांग में इतनी ताकत है कि मैं उसके सहारे काम कर पा रहा हूं. ईश्वर हमें इतनी ताकत दे कि हम अपेक्षाओं को पूरा कर सकें और हमारी टीम राष्ट्र की आकांक्षाओं पर खरी उतरे.’’ रेल मंत्री ने इस घटना की जांच के आदेश दे रखे हैं. उन्होंने कहा कि अब उनकी प्राथमिकता नयी लाइनें बिछाने की जगह पुराने पटरियों को बदलने की होगी.