प्याज की कीमतें फिर से 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर चली गई हैं. टमाटर का हाल और बुरा है. ये नौबत सिर्फ दिल्ली में नहीं, देश के कई बड़े शहरों में है.
प्याज की कीमतें फिर से 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर चली गई हैं. टमाटर का हाल और बुरा है. ये नौबत सिर्फ दिल्ली में नहीं, देश के कई बड़े शहरों में है. दिल्ली स्थित ओखला मंडी में प्याज कारोबारी मायूस हैं. थोक में दाम 50 के पार है, खुदरा में 60-65 रुपये पार कर गया है. खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 28 नवंबर को देश के 27 अहम शहरों में खुदरा बाजार में प्याज 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर बिक रहा था. श्रीनगर में प्याज की कीमत 70 रुपये किलो, जबकि आइज़ोल में भी 70 रुपये, शिमला में 64 रुपये और गोरखपुर में 60 रुपये है. दिल्ली की ओखला मंडी में प्याज का व्यापार करने वाले मोहम्मद इमरान कहते हैं, माल की सप्लाई आधे से ज्यादा घट चुकी है, क्योंकि इस साल पैदावार कम हुई है. जब डिमांड-सप्लाई मिसमैच हुआ तो कीमतें बढ़नी तय है.
ओखला मंडी में राजस्थान से आए प्याज के किसान रेशम मिले. रेशम कहते हैं, ‘प्याज की खेती संकट में है. किसानों को जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पा रहा है और जिनता खर्च किसान को करना होता है, उतनी कमाई नहीं हो पा रही है, क्योंकि प्याज की सही कीमत उन्हें नहीं मिल पा रही है.’ यही हाल टमाटर का है. एनसीआर के कुछ इलाकों में टमाटर 80 रुपये किलो तक जा चुका है.
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक देश के 44 महत्वपूर्ण शहरों में टमाटर 50 रुपये किलो से ऊपर है. 28 नवंबर को श्रीनगर में टमाटर 70 रुपये किलो, शिमला और अमृतसर में भी 70 रुपये और जम्मू में 60 रुपये किलो बिक रहा था. टमाटर व्यापारी मोहम्मद इदरीस कहते हैं कि बारिश की वजह से महाराष्ट्र के कई इलाकों में टमाटर की फसल खराब हुई है, जिसकी वजह से ओखला मंडी में टमाटर की सप्लाई काफी घट गई है. अब हालात से निबटने के लिए खाद्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र से 10 हजार टन टमाटर मंगाने की तैयारी शुरू कर दी है. मंगलवार को उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने महाराष्ट्र के प्रधान सचिव से बात कर औपचारिक तौर पर इस बारे में पहल की है. साफ है कि संकट बड़ा है और आम लोगों को जल्दी राहत मिलेगी इसके आसार कम हैं.