पिछले वर्ष यानी 2016 में भारत में 60 हज़ार 986… truck accidents हुए… इनमें 16 हज़ार 876 लोगों मारे गये, जबकि 53 हज़ार 858 लोग घायल हुए. इन हादसों की एक बड़ी वजह थी ट्रक ड्राइवरों की थकान.
भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम के गुमनाम Heroes की बात करेंगे..जिन्हें सामान्य बोलचाल में ट्रक ड्राइवर कहा जाता है. आमतौर पर ट्रक ड्राइवर की बात कोई नहीं करता क्योंकि वो सेलिब्रिटी नहीं होते, लेकिन हमें लगता है कि देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए ट्रक ड्राइवर..किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं हैं. भारत में 63 प्रतिशत सामान Trucks के ज़रिए ही एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है..और अगर ये Trucks और Truck Drivers ना हों… तो भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना नामुमकिन हो जाएगा..इसलिए हमें लगता है कि भारत के 50 लाख Truck Drivers भारत की अर्थव्यवस्था के हीरो हैं.. लेकिन फिर भी इन्हें वो सम्मान और सुरक्षा नहीं मिल पाती…जिसके ये हकदार हैं..DNA में हमने कई बार इस विषय पर बात की है और हमें खुशी है कि हमारी ये कोशिश कुछ हद तक सफल हुई हैं
Ministry of road transport and highways ने ट्रक डाइवरों के सफर को आसान बनाने के लिए एक Notification जारी किया है. इसके अनुसार 1 जनवरी 2018 से भारत में बनने वाले हर ट्रक का केबिन… Air-Conditioned होगा.. और अगर ट्रक के केबिन में AC नहीं लगाया जा सकता तो तापमान को नियंत्रित रखने के लिए केबिन में ventilation system लगाया जाएगा.
ये देश के ट्रक ड्राइवरों को सुविधा और सुरक्षा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है. भारत में ट्रक चलाने को बहुत मामूली काम समझा जाता है….इसी सोच की वजह से देश में ट्रक ड्राइवरों की संख्या लगातार कम हो रही है, भारत में ट्रकों का मतलब है वो खस्ताहाल वाहन जिनमें सामान लादकर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है…इन ट्रकों में ना तो ड्राइवर को आराम करने की सुविधा मिलती है और ना ही सुरक्षा की गारंटी.
भारत में ज़्यादातर Truck Drivers अपनी जान जोखिम में डालकर ही सफर पर निकलते हैं और दुर्घटना होने पर पूरी ज़िम्मेदारी Driver की ही मानी जाती है. पिछले वर्ष यानी 2016 में भारत में 60 हज़ार 986… truck accidents हुए… इनमें 16 हज़ार 876 लोगों मारे गये, जबकि 53 हज़ार 858 लोग घायल हुए. इन हादसों की एक बड़ी वजह थी ट्रक ड्राइवरों की थकान. भारत में Truck Drivers के लिए आराम के घंटे निश्चित नहीं है.. ज़्यादातर ट्रक ड्राइवर्स दिन में 14 से 17 घंटे तक ड्राइविंग करते हैं. और इस ड्राइविंग की थकान.. बड़ी दुर्घटनाओं की वजह बन जाती है.
इसकी तुलना दूसरे देशों से करें तो ऑस्ट्रेलिया में किसी भी ट्रक ड्राइवर के लिए 5 घंटे की ड्राइविंग के बाद 15 मिनट का ब्रेक लेना अनिवार्य है. जबकि पूरे हफ्ते में कम से कम.. एक बार ड्राइवर को पूरे 24 घंटों के लिए अपने ट्रक से दूर रहना होता है. यूरोपियन यूनियन के देशों में एक दिन में सिर्फ 9 घंटे ट्रक चलाने की इजाज़त दी जाती है.. और इसका उल्लंघन ना हो इसके लिए Digital Monitoring भी होती. इसी तरह Canada में किसी भी ट्रक ड्राइवर को 13 घंटे से ज्यादा ट्रक चलाने की इजाज़त नहीं दी जाती. इसलिए आज हमने भारत और अमेरिका के Truck Drivers की जिंदगी का एक तुलनात्मक विश्लेषण किया है. ये विश्लेषण भारतीय Truck Drivers की जिंदगी को बेहतर बनाने में देश के सिस्टम की मदद कर सकता है.