RBI ने डेबिट कार्ड से होने वाले ट्रांजेक्शन चार्ज को लेकर अहम कदम उठाया है. आरबीआई ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को तय करने का नया तरीका तय किया है.
आज हर किसी के पास डेबिट कार्ड है. डेबिट कार्ड धारकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से बड़ी राहत दी गई है. इसके तहत RBI ने डेबिट कार्ड से होने वाले ट्रांजेक्शन चार्ज को लेकर अहम कदम उठाया है. आरबीआई ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को तय करने का नया तरीका तय किया है और डेबिट कार्ड से होने वाले लेनदेन के लिए अलग-अलग मर्चेंट डिस्काउंट दरें तय की हैं. इसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा और डेबिट कार्ड से खरीदारी करना आपके लिए सस्ता हो जाएगा. बशर्ते यह शॉपिंग एक हजार रुपए से ज्यादा की होनी चाहिए. आरबीआई का यह नियम 1 जनवरी से लागू होगा.
दरअसल नोटबंदी के बाद से ही सरकार कैशलेश ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है. अभी तक खरीदारी की रकम के हिसाब से एमडीआर लगता था, लेकिन अब यह चार्ज दुकानदार के टर्नओवर के हिसाब से लगेगा. इस एमडीआर को दुकानदार ग्राहक से वसूलते हैं. 1 जनवरी से लागू होने वाले आरबीआई के नए नियम के तहत छोटे दुकानदारों से बैंक हर ट्रांजेक्शन पर 200 रुपए और बड़े दुकानदारों से 1000 रुपए से ज्यादा चार्ज नहीं ले सकेंगे.
आपको बता दें कि कार्ड से पेमेंट के बदले बैंक दुकानदारों से फीस लेते हैं. अब सालाना 20 लाख रुपए तक टर्नओवर वाले कारोबारी से बैंक ट्रांजेक्शन वैल्यू के 0.40% से ज्यादा एमडीआर नहीं ले सकेंगे. यानी 5,000 रुपए की खरीदारी पर चार्ज 20 रुपए लगेगा. क्यूआर कोड बेस्ड पेमेंट में यह 0.30% से ज्यादा नहीं होगा. मैक्सिमम 200 रुपए है.
जिन दुकानदारों का टर्नओवर 20 लाख रुपए से ज्यादा है, उनके लिए चार्ज लिमिट 0.90% तय की गई है. यहां 5,000 रुपए की खरीदारी पर 45 रुपए लगेंगे. क्यूआर कोड बेस्ड पेमेंट में यह सीमा 0.80% होगी. इनके लिए प्रति ट्रांजेक्शन मैक्सिमम चार्ज 1,000 रुपए होगा.
नोटबंदी के बाद आरबीआई ने 1 जनवरी 2017 से 1,000 रुपए तक की खरीदारी पर एमडीआर की सीमा 0.25 फीसदी और 1,001-2,000 रुपए तक की खरीदारी पर 0.5 फीसदी तय की थी. इससे पहले 2,000 रुपए तक के ट्रांजेक्शन पर यह चार्ज 0.75 फीसदी और इससे ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर 1 प्रतिशत थी. बैंकों को क्रेडिट कार्ड से पेमेंट पर चार्ज तय करने की छूट है.
इसलिए किया गया फैसला
मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू के बाद मीडिया से बातचीत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर बीबी कानूनगो ने बताया कि 2016-17 में प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) टर्मिनल पर डेबिट कार्ड का इस्तेमाल 21.9% था. यह बढ़ नहीं रहा है. इसीलिए आरबीआई ने यह फैसला किया है.
क्या है एमडीआर
कोई बैंक किसी मर्चेंट या व्यापारिक ईकाई को डेबिट और क्रेडिट कार्ड सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जो शुल्क लगाता है उसे ही मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर कहते हैं. इसके तहत केंद्रीय बैंक ने कार्ड के जरिए भुगतान स्वीकार करने वाली मर्चेंट इकाइयों के नेटवर्क का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से शुल्क स्तरों में बदलाव किया है. इसका एक लक्ष्य बैंकों को नकदी रहित या कम नकदी वाली प्रणालियों में निवेश को प्रोत्साहित करना है.