पीठ ने याचिका पर जनवरी के दूसरे सप्ताह के लिये सुनवाई निर्धारित करते हुये कार्ति को याचिका की एक प्रति सीबीआई के वकील को देने का निर्देश दिया.
कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे के मामले में सीबीआई द्वारा उसे समन भेजने को चुनौती देते हुये शुक्रवार (8 दिसंबर) को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कीप्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस याचिका पर जनवरी के दूसरे सप्ताह के लिये सुनवाई निर्धारित करते हुये कार्ति को याचिका की एक प्रति सीबीआई के वकील को देने का निर्देश दिया.
इस मामले में संक्षिप्त सुनवाई के दौरान 2जी मामले में अभियोजक आनंद ग्रोवर की शिकायत की कार्ति द्वारा उन्हें दी गयी याचिका की प्रति जांच ब्यूरो ने ले ली है. जांच ब्यूरो की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले से ग्रोवर को कोई लेना देना नहीं है क्योंकि इस मामले की जांच एजेन्सी जांच कर रही है.
ग्रोवर ने कहा कि टू जी स्पेक्ट्रम मामले में उन्हें न्यायालय ने विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है और उन्हें याचिका की प्रति की आवश्यकता है. इस पर पीठ ने दोनों वकीलों से कहा कि वे आपस में इस मसले को हल करें और कार्ति की याचिका पर सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह के लिये स्थगित कर दी. जांच ब्यूरो ने सितंबर में कार्ति को समन जारी करके एयरसेल-मैक्सिस मामले में पूछताछ के लिये उन्हें चार अक्तूबर को बुलाया था. इसी समन को कार्ति ने चुनौती दी है.
इससे पहले, एजेन्सी ने उन्हें 11 सितंबर को बुलाया था परंतु उन्होंने यह कहते हुये पेश होने से इंकार कर दिया था कि विशेष अदालत पहले ही सभी आरोपियों को आरोप मुक्त कर चुकी है और इस मामले की कार्यवाही समाप्त कर दी है. जांच ब्यूरो ने कार्ति के इस दावे को गलत बताते हुये कहा था कि जांच अभी भी जारी है.