आंकड़ों के अनुसार नवंबर में कोयले के आयात की मात्रा बढ़ने की अहम वजह गैर-कोक कोयले का आयात बढ़ना है.
देश का कोयला आयात नवंबर में 1.918 करोड़ टन रहा है. यह पिछले साल की इसी अवधि के आयात से 40% अधिक है. इसकी अहम वजह बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी के चलते सर्दियों की मांग के लिए उसका फिर से भंडारण करना रही. एम-जंक्शन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ‘कोयला आयात (सभी प्रकार के कोयला) नवंबर 2017 में 1.918 करोड़ टन (अनुमानित) रहा है. नवंबर 2016 में यह 1.37 करोड़ टन था जबकि अक्तूबर 2017 में यह 1.977 करोड़ टन रहा.’ एम-जंक्शन सर्विसेस एक ऑनलाइन खरीद-बिक्री पोर्टल है. इसे सरकारी इस्पात कंपनी सेल और टाटा स्टील ने मिलकर तैयार किया है.
आंकड़ों के अनुसार नवंबर में कोयले के आयात की मात्रा बढ़ने की अहम वजह गैर-कोक कोयले का आयात बढ़ना है. समीक्षावधि में गैर कोकिंग कोयले का आयात 41.8 लाख टन बढ़ा है. एम-जंक्शन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय वर्मा ने कहा कि बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार की कमी और सर्दियों में कोयला भंडार को फिर से पूरा करने के चलते कोयला का आयात बढ़ा है और विशेषकर गैर-कोक कोयले की मात्रा ज्यादा आयात की गई है. नवंबर में आयातित कुल 1.918 करोड़ टन कोयला में 1.315 करोड़ टन गैर-कोकिंग कोयला और 39 लाख टन कोकिंग कोयला है.