इस धारा के तहत कार्रवाई का मकसद निवेशकों और व्यापारियों की पहचान के लिए प्रमाण जुटाना, उनके द्वारा किए गए सौदे, दूसरे पक्षों की पहचान, इस्तेमाल किए गए बैंक खातों आदि का पता लगाना होता है.
आयकर विभाग ने गुरुवार को देश में प्रमुख बिटकॉइन एक्सचेंजों में छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कथित रूप से कर चोरी के मामले में यह कार्रवाई की गई. आयकर विभाग की बेंगलुरु की जांच इकाई की अगुवाई में विभाग की विभिन्न टीमों ने दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि और गुरुग्राम सहित 9 एक्सचेंज परिसरों में सर्वे का काम किया. यह कार्रवाई आयकर विभाग की धारा 133ए के तहत की गई.
इस धारा के तहत कार्रवाई का मकसद निवेशकों और व्यापारियों की पहचान के लिए प्रमाण जुटाना, उनके द्वारा किए गए सौदे, दूसरे पक्षों की पहचान, इस्तेमाल किए गए बैंक खातों आदि का पता लगाना होता है. सूत्रों ने बताया कि छापेमारी करने वाली टीमों के पास इन एक्सचेंजों के बारे में विभिन्न प्रकार के वित्तीय आंकड़े और अन्य ब्योरे थे. देश में उनके खिलाफ यह पहली बड़ी कार्रवाई है.
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है. देश में इसका विनिमयन नहीं होता. इसके बढ़ते चलन से दुनियाभर के केंद्रीय बैंक चिंतित हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस तरह की आभासी मुद्रा रखने वाले लोगों को इसके बारे में आगाह किया है. इस साल मार्च में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने देश और वैश्विक स्तर पर आभासी मुद्राओं पर एक अंतर अनुशासनात्मक समिति का गठन किया था.
दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्टर्स की मानें तो आयकर विभाग को बिटकॉइन से टैक्स चोरी का शक है. बिटकॉइन के जिन एक्सचेंज पर छापेमारी की गई है उनमें दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि और गुरुग्राम एक्चेंज शामिल हैं. गौरतलब है कि वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन इस समय देश में रेगुलेटेड नहीं है, यानी इस मामले में सरकार का कोई दखल नहीं है. दुनियाभर में पिछले कुछ समय से इनके भाव में हो रही तेज वृद्धि के कारण सेंट्रल बैंकों और सरकारी स्तर पर चिंता बढ़ती जा रही है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी पिछले दिनों बिटकॉइन समेत सभी वर्चुअल करेंसियों के यूजर्स, होल्डर्स और ट्रेडर्स को इस तरह के ट्रेड के खिलाफ चेताया है. सूत्रों का यह भी कहना है कि विभाग का मकसद निवेशकों, ट्रेडर्स और उनके सहयोगियों के बैंक अकाउंट्स आदि की भी पूरी जानकारी लेने का है.