डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक 22 जनवरी को शुरू हो रही है. मोदी 23 जनवरी को इस बैठक के प्रथम पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करेंगे.
दावोस में अगले सप्ताह विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के साथ द्विपक्षीय बैठक का कोई विचार नहीं है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (19 जनवरी) को यह जानकारी दी. डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक 22 जनवरी को शुरू हो रही है. मोदी 23 जनवरी को इस बैठक के प्रथम पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करेंगे. विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंध सचिव विजय गोखले ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जहां तक मुझे पता है, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ बैठक की कोई योजना नहीं है.
उनसे पूछा गया था कि क्या मोदी की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ बैठक की कोई योजना है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी उसी दिन डब्ल्यूईएफ में होंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक की योजना है, गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं के प्रवास का समय वहां एक साथ नहीं है. मोदी करीब 21 साल बाद दावोस जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री है. उनसे पहले 1997 में एच डी देवेगौड़ा दावोस गए थे. वहीं वर्ष 2000 में बिल क्लिंटन के बाद ट्रंप दावोस बैठक में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे.
वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (19 जनवरी) को कहा कि दुनिया भारत की नीतियों और वृद्धि की क्षमता के बारे में सीधे सरकार के मुखिया के मुंह से सुनना चाहती है. मोदी ने कहा कि वह दावोस में 125 करोड़ भारतीयों की सफलता की कहानी बताने को लेकर गौरवान्वित महसूस करेंगे. विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में इस बार प्रधानमंत्री भी भाग लेने जा रहे हैं. मोदी ने जी न्यूज से साक्षात्कार में कहा कि भारत ने दुनिया में अपनी एक पहचान बनाई है और इसका फायदा उठाने की जरूरत है.
तेजी से बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और दुनिया की सभी रेटिंग एजेंसियों ने भी इसे माना है. मोदी ने कहा कि दावोस देश के लिए भारतीय बाजार के बारे में बताने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि भारत के पास अपनी युवा आबादी का लाभ है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में जोरदार उछाल देखा है. यह स्वाभाविक है कि दुनिया सीधे भारत से बात करना चाहती है. सीधे सरकार के मुखिया से नीतियों और क्षमताओं के बारे में जानना चाहती है. यदि आप नेता से सुनते हैं तो उसका मतलब होता है. दावोस बैठक को वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं का सबसे बड़ा समागम बताते हुए मोदी ने कहा कि अभी तक वह वहां नहीं जा पाए थे. उन्होंने कहा कि इस बैठक में दुनियाभर के उद्योगपति, वित्तीय संस्थान और नीति निर्माता शामिल होंगे.