केन्द्रीय बैंक ने कहा कि स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.421 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित बना रहा.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.7 अरब डॉलर बढ़कर 413.825 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया जिसका मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में पर्याप्त तेजी आना है. इससे पिछले सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.758 अरब डॉलर बढ़कर 411.124 अरब डॉलर हो गया था. मुद्राभंडार आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था, लेकिन उसके बाद से उसमें घट बढ़ होती रही.
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा, यानी विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.685 अरब डॉलर बढ़कर 389.834 अरब डॉलर हो गया. अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले एफसीए में मुद्राभंडार में रखे गये यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर. अमेरिकी मुद्राओं की तेजी : अवमूल्यन के प्रभावों को शामिल किया जाता है.
केन्द्रीय बैंक ने कहा कि स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.421 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित बना रहा. रिजर्व बैंक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार 62 लाख डॉलर बढ़कर 1.520 अरब डॉलर हो गया. इसने कहा है कि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 93 लाख डॉलर बढ़कर 2.048 अरब डॉलर हो गया.
बैंक के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और इस पर भंडार में मौजूद पाउंड, स्टर्लिग, येन जैसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. आलोच्य अवधि में देश का स्वर्ण भंडार 20.42 अरब डॉलर रहा, जो 1,305.5 अरब रुपये के बराबर है.
इस दौरान देश के विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 62 लाख डॉलर बढ़कर 1.52 अरब डॉलर हो गया, जो 96.6 अरब रुपये के बराबर है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में देश के मौजूदा भंडार का मूल्य 93 लाख डॉलर बढ़कर 2.04 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 130.1 अरब रुपये के बराबर है.