अनिल अंबानी ने दिसंबर में आरकॉम के कर्ज का पूर्ण समाधान हासिल किया था और संपत्तियों की बिक्री कर कंपनी के कर्ज को 25,000 करोड़ रुपये से घटाकर 6,000 करोड़ रुपये करने में सफलता पाई थी.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को उपभोक्ताओं के खर्च नहीं हुए बैलेंस और सिक्योरिटी जमा को लौटाने का निर्देश दिया है. ग्राहकों ने इस बारे में नियामक के पास शिकायत की थी, जिसके बाद यह निर्देश दिया गया है. ट्राई ने अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी से प्रीपेड ग्राहकों का पैसा और पोस्ट पेड उपभोक्ताओं की जमा राशि लौटाने का निर्देश देते हुए क्रमश: 15 फरवरी और 31 मार्च तक अनुपालन रिपोर्ट देने को कहा है.
ट्राई ने कहा, ‘‘असामान्य परिस्थतियों में रिलायंस कम्युनिकेशंस पोर्ट किए गए मोबाइल नंबरों पर रिचार्ज कूपन या वाउचर प्लान में खर्च नहीं हुए प्रीपेड बैलेंस को लौटाए. इसके अलावा उन ग्राहकों का भी शेष बैलेंस वापस दिया जाए जो न तो अपना नंबर पोर्ट कर पाए हैं और न ही सेवा का इस्तेमाल कर पाएंगे.
घाटे में चल रही और कर्ज के बोझ से दबी आरकॉम ने एक दिसंबर से करीब आधे देश में अपने नेटवर्क पर मोबाइल कॉलिंग सेवा बंद कर दी है. वहीं शेष हिस्से में यह सेवा 29 दिसंबर से बंद हुई है. ट्राई ने कहा कि आरकॉम की सेवाएं बंद होने से कंपनी के बड़ी संख्या में ग्राहकों ने अपना नंबर पोर्ट कर लिया है या उनका मोबाइल नंबर बंद हो गया है.. ऐसे में उनके खाते में खर्च नहीं हुआ प्रीपेड बैलेंस और सिक्योरिटी डिपाजिट बचा है जिसको कंपनी ने वापस नहीं किया है.
‘नया’ आरकॉम देश का सबसे बड़ा बी2बी उद्योग होगा : अनिल अंबानी
अनिल अंबानी ने पिछले महीने आरकॉम के कर्ज का पूर्ण समाधान हासिल किया था और संपत्तियों की बिक्री कर कंपनी के कर्ज को 25,000 करोड़ रुपये से घटाकर 6,000 करोड़ रुपये करने में सफलता पाई थी. अंबानी ने बीते 4 जनवरी को द इकॉनमिक टाइम्स से एक साक्षात्कार में कहा था, ‘नया’ रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) देश के सबसे बड़े बी2बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) कंपनी के रूप में उभरेगी, जो ‘वैश्विक और उद्यम व्यवसाय पर केंद्रित’ होगी. अंबानी ने कहा, “मैंने डीओटी (दूरसंचार विभाग) से कहा था कि मैं दूरसंचार क्षेत्र से नहीं निकल रहा हूं. मैं केवल मोबाइल कारोबार बंद कर रहा हूं. हम क्लाउड, आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स), डेटा सेंटर्स, सबमरीन केबल्स कारोबार में हैं.” आरकॉम ने रिलायंस जियो के साथ अपने वायरलेस संपत्तियों को बेचने का सौदा किया है, जिसमें टॉवर्स, ऑप्टिक फाइबर केबल नेटवर्क, स्पेक्ट्रम और मीडिया कंर्वजेंस नोड्स शामिल है.