दूरसंचार नियामक ट्राई ने उड़ान के दौरान यात्रियों को सैटेलाइट व जमीनी नेटवर्क के जरिये मोबाइल तथा इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने के बारे में सुझाव दिया.
दूरसंचार नियामक ट्राई ने उड़ान के दौरान यात्रियों को सैटेलाइट व जमीनी नेटवर्क के जरिये मोबाइल तथा इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने के बारे में सुझाव दिया. ट्राई ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सुझाव में कहा, ‘‘प्राधिकरण भारतीय हवाईसीमा में उड़ान के दौरान यात्रियों को इंटरनेट व मोबाइल संचार दोनों सुविधाएं इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के तौर पर दिये जाने का सुझाव देता है.’’ दूरसंचार विभाग ने भारतीय हवाईसीमा में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय समेत अन्य उड़ानों में वॉयस, डेटा तथा वीडियो सेवा दिये जाने के मद्देनजर 10 अगस्त 2017 को ट्राई से सुझाव मांगा था.
ट्राई ने सुझाया, ‘‘मोबाइल सेवाएं जमीनी मोबाइल नेटवर्क की उपलब्धता के मद्देनजर भारतीय हवाईसेवा में न्यूनतम तीन किलोमीटर की ऊंचाई तक मान्य होनी चाहिए.’’ उसने कहा कि उड़ान में वाई-फाई के जरिये इंटरनेट सेवा तब दी जानी चाहिए जब उड़ान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस फ्लाइट मोड पर हों. इस बाबत घोषणा तब की जानी चाहिए जब सभी लोग विमान में सवार हो जाएं और वह उड़ान भरने के लिए तैयार हो.
नियामक ने केवल एक रुपये के शुरुआती वार्षिक लाइसेंस शुल्क पर इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सर्विस प्रोवाइडर यानी उड़ान के दौरान मोबाल संपर्क सेवा प्रदान करने वाली कंपनी (आईएफसी प्रदाता) बनाने का भी सुझाव दिया. इसके लिए दूरसंचार सेवा कंपनियों के साथ समझौता किया जा सकता है. ट्राई का सुझाव है कि आईएफसी प्रदाता कंपनियों को भारतीय उपग्रह प्रणालियों (इनसैट) तथा इनसैट से बाहर के क्षेत्र में विदेशी संचार उपग्रह प्रणालियों के साथ समझौता करने की इजाजत होनी चाहिए.
इंटरकनेक्शन पर TRAI ने जारी किए नए नियम
दूरसंचार नियामक ट्राई ने नेटवर्क कनेक्टिविटी संबंधी नियमों को कड़ा करते हुए दूरसंचार कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे बिना किसी भेदभाव के तीस दिन में इंटरकनेक्शन समझौते करें. साथ ही नियामक ने किसी तरह के उल्लंघन पर हर सेवा क्षेत्र के हिसाब से एक लाख रुपए तक का दैनिक जुर्माना तय किया है. देश भर में कुल 22 सेवा क्षेत्र हैं.
क्या है इंटरकनेक्टिविटी
इंटरकनेक्टिविटी से आशय एक कंपनी के नेटवर्क का कॉल दूसरे कंपनी के नेटवर्क से जुड़ने से है. ट्राई ने दूरसंचार इंटरकनेक्शन विनियमन-2018 जारी किए हैं. इसमें नेटवर्क कनेक्टिविटी समझौते के विविध नियमों को शामिल किया गया है. इसमें पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्ट की वृद्धि, प्रारंभिक स्तर पर इस तरह की कनेक्टिविटी के प्रावधान, लागू शुल्क, इंटरकनेक्ट वाले पॉइंट को हटाना और इंटरकनेक्शन मुद्दों इत्यादि के नियम को शामिल किया गया है.
1 फरवरी से लागू होंगे नियम
ट्राई ने कहा कि नए नियम एक फरवरी 2018 से प्रभावी होंगे और सभी टेलीकॉम कंपनियों को इन नियमों का पालन करना होगा. ट्राई ने कहा, इन नियमों के तहत प्राधिकरण ने व्यवस्था दी है कि हर सेवा प्रदाता को किसी सेवा प्रदाता से इंटरकनेक्ट का अनुरोध प्राप्त होने के बाद 30 दिन के भीतर बिना किसी भेदभाव के आधार पर समझौता करना होगा.