ट्रंप ने इस मौके पर कहा कि अमेरिका विश्व भर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा और अफगानिस्तान को आतंकवादियों का शरणगाह नहीं बनने देगा.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (26 जनवरी) को कहा कि वह मुक्त व्यापार का समर्थन करते हैं लेकिन इसे न्यायोचित होना चाहिए. उन्होंने ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति पर जोर देते हुए कहा कि इसका मतलब ‘केवल अमेरिका’ नहीं है. विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका फिर से कारोबार के लिए खुला और प्रतिस्पर्धी हो गया है. मंच में कई नेताओं ने ट्रंप को उनकी संरक्षणवादी नीतियों के लिए निशाना बनाया है. ट्रंप ने इस मौके पर कहा कि अमेरिका विश्व भर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा और अफगानिस्तान को आतंकवादियों का शरणगाह नहीं बनने देगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां अमेरिकी लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करने और बेहतर विश्व के लिए प्रतिबद्धता जताने आया हूं.’’ मंच के आयोजन स्थल के सबसे बड़ा हॉल ट्रंप के संबोधन के मद्देनजर एक घंटे पहले ही पूरी तरह से भर गया था. हालांकि कुछ अफ्रीकी नेताओं ने ट्रंप के भाषण का बहिष्कार भी किया.
7000 अरब डॉलर से अधिक का धन जुड़ा अमेरिकी शेयर बाजार में
ट्रंप ने अमेरिका तथा अपने विभिन्न फैसलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘शेयर बाजार एक एक कर रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और मेरे चुनाव के बाद अब तक सात हजार अरब डॉलर से अधिक का धन जुड़ चुका हैं. मैं यहां यह कहने आया हूं कि अमेरिका फिर से कारोबार के लिए खुला हो गया है. यह आपके कारोबार, रोजगार और निवेश को अमेरिका लाने का सबसे अच्छा समय है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा माहौल तैयार कर रहे हैं जो प्रोत्साहित करता है. आप अमेरिका आएं. मैं अमेरिका में यकीन करता हूं और अमेरिका के राष्ट्रपति के नाते अमेरिका फर्स्ट में यकीन करता हूं. सभी वैश्विक नेताओं को अपने देश के बारे में ऐसा ही महसूस करना चाहिए. लेकिन ‘अमेरिका फर्स्ट’ का मतलब ‘केवल अमेरिका’ नहीं है.’’
मुक्त व्यापार स्वीकार, लेकिन नियमों के साथ
उन्होंने कहा कि यदि कुछ देश नियमों को नहीं मानेंगे तब मुक्त और खुला व्यापार नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम मुक्त व्यापार का समर्थन करते हैं पर इसे न्यायोचित और पारस्परिक होना चाहिए.’ ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति के नाते वह हमेशा अपने देश, अपने श्रमिक और अपनी कंपनियों के हितों की रक्षा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘क्या हम ऐसा तंत्र नहीं बना सकते जो किसी एक देश के बजाय सभी के लिए काम करे. हमारा कई देशों के साथ अनुबंध है और कई देशों के साथ बातचीत चल रही है.’
इस मौके पर उन्होंने मीडिया को फिर से निशाना बनाते हुए कहा कि जब वह कारोबारी थे तब वह मीडिया के चहेते थे, लेकिन राजनीति में आने और राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें पता चला कि यहां कितना झूठ है. उन्होंने कहा, ‘एक कारोबारी के तौर पर मीडिया ने हमेशा मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया, और जबतक मैं राजनेता नहीं बना तब तक पता नहीं चल पाया था कि मीडिया कितनी मतलबी, द्वेषी और झूठी हो सकता है.’