बजट पेश होने से पहले नौकरीपेशा को आयकर की सीमा में छूट मिलने की उम्मीद थी. लेकिन वित्त मंत्री ने इस पर कोई बदलाव नहीं किया. ऐसे में सैलरीड पर्सन को निराशा हुई है.
बजट पेश होने से पहले नौकरीपेशा को आयकर की सीमा में छूट मिलने की उम्मीद थी. लेकिन वित्त मंत्री ने इस पर कोई बदलाव नहीं किया. ऐसे में सैलरीड पर्सन को निराशा हुई है. ऐसे में आप भी टैक्स सेविंग के विकल्प तलाश रहे होंगे. जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि आप सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक की बचत कर सकते हैं. लेकिन यदि आपकी बेसिक सैलरी एक लाख रुपए है और पीएएफ डिडक्शन का ऑप्शन लिया हुआ है तो 80 सी का लाभ आपको नहीं मिलेगा.
80सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपए की आयकर छूट का अधिकतर हिस्सा आपके प्राविडेंट फंड से ही पूरा हो जाता है. ऐसे में निराश होने की जरूरत नहीं है आप 80सी से इतर भी टैक्स बचा सकते हैं. 80सी से अलग आप 8 माध्यमों से टैक्स सेविंग कर सकते हैं. आगे पढ़िए आप किस तरह टैक्स बचा सकते हैं.
नेशनल पेंशन स्कीम
सरकार पेंशन स्कीम (NPS) पर भी टैक्स छूट देती है. नेशनल पेंशन स्कीम में जमा की गई 1.5 लाख रुपए सालाना तक की रकम Section 80C के तहत टैक्स डिडक्शन के योग्य होती है. इसमें आप दो लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं, ऐसे में 1.5 लाख रुपए से ऊपर की राशि पर आपको टैक्स रिवेट मिलती है.
होम लोन इंटरेस्ट
यदि आपने होम लोन लिया है तो आप होम लोन इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपए तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं. यह होम लोन किसी भी प्रकार का घर का निर्माण, मरम्मत, खरीद, उच्चीकरण किसी भी उद्देश्य के लिए हो सकता है. यह छूट अधिकतम दो लाख रुपए सालाना रकम तक ही मिलेगी.
बैंक से मिलने वाला ब्याज
आपके बचत खाते मिलने वाले 10 हजार रुपए तक के सालाना ब्याज पर टैक्स नहीं लगता. यदि आपको यह ब्याज 10 हजार रुपए से ज्यादा मिला है तो आपको अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा. यदि आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है तो आपको बचत खाते के ब्याज पर 50 हजार रुपए तक टैक्स छूट मिलती है.
एजुकेशन लोन
उच्च शिक्षा यानी स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई के लिए गए एजुकेशन लोन के ब्याज पर भी आपको टैक्स से छूट मिलती है. इसके लिए एजुकेशन लोन की राशि की कोई लिमिट नहीं है. एजुकेशन लोन आप देश या विदेश किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए ले सकते हैं. इसके तहत आप अधिकतम आठ साल तक टैक्स रिवेट का फायदा उठा सकते हैं.
मेडिकल इंश्योरेंस
आपने खुद के लिए, अपनी पत्नी के लिए या अपने बच्चों के लिए यदि मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है तो आपको इसके प्रीमियम पर भी टैक्स से छूट मिलती है. इसमें सामान्य नागरिक 25,000 रुपए तक सालाना तक और वरिष्ठ नागरिकों को 50,000 रुपए तक के प्रीमियम पर छूट मिलती है.
गंभीर बीमारी का इलाज
यदि आपके परिवार का कोई सदस्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त है तो उसकी देखभाल में आने वाले 40 हजार तक के खर्च पर आप टैक्स से छूट ले सकते हैं. यदि बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा है तो उसकी देखभाल में आने वाले एक लाख रुपए तक के खर्च आप टैक्स से छूट ले सकते हैं. यह बीमा एड्स, कैंसर, डिमेंशिया और थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी हो सकती हैं.
डोनेशन पर टैक्स छूट
आप समाज कल्याण संस्थाओं को दान देकर भी टैक्स में छूट पा सकते हैं. ऐसा करने से कर में छूट पाने के साथ ही दान करने का लक्ष्य भी पूरा हो जाता है. डोनेशन के द्वारा टैक्स में मिलने वाली छूट भी प्रतिशत के मुताबिक होती है. कुछ मामलों में 50 फीसदी कर की छूट मिलती है, तो कुछ मामलों यह 100 फीसदी तक होती है. राष्ट्रीय समाज कल्याण संस्थाओं में दान देने से 100 फीसदी की कर छूट मिलती है.
दिव्यांगों की देखभाल
यदि आपके परिवार का कोई सदस्य दिव्यांग हैं तो उसकी देखभाल में आने वाले खर्च को आप Tax में छूट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके तहत आप 75,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स से छूट ले सकते हैं. यदि टैक्स पेयर खुद दिव्यांग हैं तो आप 1.25 लाख रुपए तक की छूट ले सकते हैं.