इस बार के बजट में की घोषणाओं का क्या खास महत्व है इस बारे में ZEE नेटवर्क ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से एक्सक्लूसिव बातचीत की. पेश हैं इस इंटरव्यू की मुख्य बातें.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दो दिन पहले (1 फरवरी) देश का आम बजट पेश किया था. अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की मौजूदा सरकार का यह अंतिम पूर्णकालिक बजट है. इस बार के बजट में की गई घोषणाओं का क्या खास महत्व है इस बारे में ZEE नेटवर्क ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से एक्सक्लूसिव बातचीत की. पेश हैं इस इंटरव्यू की खास बातें…
दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम की घोषणा
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बार का बजट काफी अलग है. अब तक बजट में देश के बड़े तबके यानी गरीबों और किसानों को छोटी-छोटी सुविधाएं जैसे सरकारी स्कूलों में फ्री शिक्षा, अस्पतालों में सुविधाएं आदि मिलती रहीं. ये सब स्ट्रक्चरल रिफॉर्म हैं. इस बार हमने इसे और मजबूती देने की कोशिश की है. इसके तहत इतने बड़े स्तर पर हेल्थ स्कीम लांच करने की घोषणा की गई है.
सरकारी खजाने पर गरीबों का पहला हक
अरुण जेटली ने कहा कि इस देश की सर्विस सेक्टर की सेवाओं में 8-9 फीसदी ग्रोथ रेट रहती है. हम इस सीमा पर रुके नहीं रहना चाहते थे. हमने देश के अलग-अलग सेक्टर पर नजर दौड़ाई तो हमें पहली कमजोरी कृषि क्षेत्र में नजर आई. सरकार के खजाने पर पहला हक गरीबों का होता है. इसलिए हमने हेल्थ केयर योजना बनाई.
पॉपुलर बजट है, पॉपुलिस्ट नहीं
वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं कहूंगा कि पिछले सारे बजट में से इस बार के बजट में जनता की बहुत बड़ी स्वीकृति है, इसलिए मैं इसे पॉपुलिस्ट नहीं, पॉपुलर बजट कहूंगा.’
सीनियर सिटीजन को टैक्स में राहत दी
बजट से मिडिल क्लास को निराशा हाथ लगने के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि इस बार का बजट आर्थिक दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण था. फिर भी हमारी कोशिश रही कि इकोनॉमी भी सुधरती जाए और जनसेवा भी हो. सैलरीड क्लास सबसे ईमानदारी से टैक्स देता है. मैंने हर बजट में इन्हें कुछ न कुछ दिया. पांच लाख तक की लिमिट को 10 से 5 प्रतिशत कर दिया था. ट्रांसपोर्ट अलाउंस 800 रुपये से 1600 किया. इस बार हमने उन्हें स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया है. यह कुल मिलाकर 8 हजार करोड़ रुपये बैठेगा. मैंने बिजनेस क्लास के लिए टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाया. सीनियर सिटीजन को प्राथमिकता दी और उनको टैक्स में राहत दी. हेल्थ केयर में राहत दी. मुश्किल वक्त में मिडिल क्लास को 12 हजार करोड़ की रिलीफ दी है.
विदेशी प्रोड्क्टस पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी
विदेशी प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने के सवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि देसी कंपनियां भी आगे बढ़ें. पहले ज्यादातर सामान विदेशों से आते थे, अब वे भारत में बनने लगे हैं. उदाहरण के तौर पर पहले मोबाइल विदेशों में बनते थे, अब भारत में करीब 100 कंपनियां मोबाइल बनाती हैं. भारतीय कंपनियां टेलीविजन और फुटवियर भी बनाती हैं. ऐसे में अगर विदेशी सामान भारत में सस्ती कीमतों में बिकेंगे, तो देसी उद्योग को नुकसान होगा. इसे खत्म करने के लिए हमने ये फैसला लिया है. विदेशी कंपनियों के लिए भारत में घरेलू इंडस्ट्री को खड़ा करने के लिए ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव करना होगा.
MSP बढ़ाने से महंगाई नहीं बढ़ेगी
फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने के सवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हमने एक्सपर्ट से रॉय ली है, जिसमें कहा गया है कि इसका खास असर नहीं होगा. अगर MSP बाजार रेट से कम होता है तो वह चिंता की बात होती है. जो हमारा सीपीसीडी है वह कृषि मंत्रालय और राज्य सरकारों के साथ को-ऑर्डिनेट करके इस बारे में आगे की राह तय करेगा. अगर बाजार की कीमत कम हो गई तो नीति आयोग तय करेगा कि कितना बोझ सरकार के ऊपर आएगा. इससे महंगाई बढ़ेगी, लेकिन इसका असर सीमित होगा.