माल्या के वकील ने कहा था कि फरार कारोबारी का भारत में प्रत्यर्पण किया जाता है तो उनकी जान को खतरा हो सकता है.
भारत, ब्रिटेन की अदालत को बताएगा कि फरार शराब कारोबारी विजय माल्या को कानून का सामना करने के लिए यदि भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो उन्हें मुंबई में आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा. वह बैंकों के समूह का 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में आरोपी हैं. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के जरिए भारत अगले हफ्ते ब्रिटेन की अदालत को इस बारे में सूचित करेगा. माल्या के प्रत्यर्पण मामले पर भारत सरकार की ओर से सीपीएस बहस कर रहा है.
लंदन के वेस्टमिंस्टर मेजिस्ट्रेट्स कोर्ट को बताया जाएगा कि कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है और जान को खतरे की माल्या की आशंका भ्रम फैलाने की कोशिश है. एक अधिकारी के मुताबिक, अदालत को बताया जाएगा कि भारत में कैदियों की स्थिति दुनिया के किसी भी अन्य देश की तरह ही है और भारत की जेलों में कैदियों के अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं.
माल्या के वकील ने कहा था कि फरार कारोबारी का भारत में प्रत्यर्पण किया जाता है तो उनकी जान को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा था कि भारतीय जेलों में मानवाधिकार उल्लंघनों की कथित घटनाएं भी हुई हैं. वेस्टमिंस्टर मेजिस्ट्रेट्स कोर्ट प्रत्यर्पण कार्रवाई चार दिसंबर से प्रारंभ करेगा.
लंदन की अदालत को बताया जाएगा कि माल्या को कोई खतरा नहीं होगा. उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च स्तर की सुरक्षा है. अधिकारी ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर माल्या प्रत्यर्पण से बचना चाहते हैं.