विजय माल्या पर कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 36 और धारा 448 और 447 के तहत और कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 628 के साथ ही धारा 68 के अंतर्गत मामला दर्ज.
बेंगलुरु की एक अदालत ने भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या और 18 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने इन लोगों के खिलाफ निवेश के लिए तथ्यों को छुपाने का भी आरोप लगाया है. अदालत ने अपने हालिया आदेश में कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत माल्या और अन्य पर धारा 36, धारा 448 और धारा 447 के अंतर्गत संज्ञान लेते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. माल्या के अलावा, जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है, उनमें यूबी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी ए.के.रवि नेदुंगड़ी, डेक्कन एविएशन के प्रमोटर कैप्टन जी.आर. गोपीनाथ, एंबिट प्राइवेट लिमिटेड के अशोक वाधवा समेत कंपनी से जुड़े कई चार्टर अकाउंटेंड शामिल हैं.
बेंगलुरु की अदालत ने अपने आदेश में कहा, “दंडनीय अपराध को संज्ञान में लेते हुए कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 36 और धारा 448 और 447 के तहत और कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 628 के साथ ही धारा 68 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाता है.”
अदालत ने इन अपराधों के लिए एक से 19 नवंबर तक के अभियुक्तों के खिलाफ विशेष आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा, “वर्तमान मामले में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है. अदालत इसलिए महसूस करती है कि यह वारंट का मामला है, इसलिए अदालत समन जारी करने के बदले, सभी अभियुक्तों के खिलाफ वारंट जारी करती है.”
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत जांच एजेंसी ने किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित मामले में कंपनी कानून के विभिन्न उल्लंघनों को पकड़ा है. यह विमानन कंपनी 2012 में बंद हो गई थी. अदालत के दस्तावेज के अनुसार कंपनी कानून के तहत गठित बेंगलुरु में एक विशेष अदालत ने माल्या और 18 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने का निर्देश दिया है. माल्या पिछले काफी समय से ब्रिटेन में हैं. किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा 9,000 करोड़ रुपये के ऋण चूक मामले में वह यहां वांछित हैं.