ब्लैक आइवरी कॉफी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक यह कॉफी हाथी की लीद यानी पॉटी से तैयार होती है. ब्लैक आइवरी को तैयार करने की प्रक्रिया की शुरुआत बेहद अचंभित करने वाली है.
भारत में इन दिनों सर्दियों का मौसम चल रहा है, ऐसे में अगर कोई आपसे कॉफी का नाम ले तो झट से इसकी चुस्की लेने मन करने लगता है. अगर बात ब्लैक आइवरी ब्लैंड कॉफी (Black Ivory Coffee) की बात कर दे तो मन पर काबू करना मुश्किल हो जाएगा. दुनिया भर के रइस इस कॉफी का लुत्फ ले पाते हैं, क्योंकि यह 1,100 डॉलर (यानी की 67000 रुपए) प्रति किलो बिकता है. हम आपको इस कॉफी के तैयार होने का तरीका बता रहे हैं, जिसे पढ़कर आप जान पाएंगे कि आखिर यह इतनी महंगी क्यों बिकती है.
ब्लैक आइवरी कॉफी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक यह कॉफी हाथी की लीद यानी पॉटी से तैयार होती है. ब्लैक आइवरी को तैयार करने की प्रक्रिया की शुरुआत बेहद अचंभित करने वाली है. हाथी को पहले भारी मात्रा में कॉफी के कच्चे फल खिलाए जाते हैं. हाथी इसे पचाने के बाद पॉटी (लीद) कर देते हैं.
हाथी के इस लीद को एकत्र किया जाता है. अब इस लीद में काफी के बीज तलाशे जाते हैं. एक हाथी को लगभग 33 किलो कॉफी के कच्चे फल खिलाए जाते हैं, जिसके लीद से एक किलो कॉफी के बीज निकाले जाते हैं.
हाथी के लीद से निकाले गए कॉफी के बीज को धूप में अच्छी तरीके सुखाया जाता है. इस बीज को पिसा जाता है, फिर इसी से ब्लैक आइवरी कॉफी तैयार किया जाता है. अगर आपको कभी ब्लैक आइवरी कॉफी की चुस्कियां लेने का मौका मिला होगा तो जानते होंगे कि यह बिल्कुल भी कड़वा नहीं होता है. इस महंगी कॉफी को थाइलैंड में बड़े पैमाने पर तैयार किया जाता है.