इस बजट सत्र में ‘पेमेंट ऑफ ग्रेचुटी अमेंडमेंट बिल 2017’ पास करने की तैयारी है. लेबर मिनिस्ट्री के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बिल को बजट सत्र में पास कर दिया जाएगा.
इस साल आम बजट से जनता को काफी उम्मीदें हैं. एक तरफ जहां नोटबंदी और GST की मार ने व्यापारी वर्ग की कमर तोड़ दी है वहीं, दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई से आम जनता परेशान है. नौकरी-पेशा वर्ग चाहता है कि टैक्स में छूट मिले. हालांकि टैक्स में छूट मिलेगी या नहीं ये कहना तो मुश्किल है लेकिन कर्मचारी वर्ग के लिए सरकार के पास खुशखबर जरूर है. खबरों की मानें तो सरकार बजट 2018-19 में ग्रैचुटी में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है.
इस बजट सत्र में ‘पेमेंट ऑफ ग्रेचुटी अमेंडमेंट बिल 2017’ पास करने की तैयारी है. लेबर मिनिस्ट्री के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बिल को बजट सत्र में पास कर दिया जाएगा. बिल पास होते ही प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की टैक्स फ्री ग्रेचुटी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी जाएगी. इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार फॉर्मल सेक्टर के कर्मचारियों को राहत देना चाहती है. इस बिल में यह प्रावधान भी है कि आगे से ग्रेचुटी की रकम बढ़ाने के लिए संसद से मंजूरी लेने की जरूत नहीं होगी. सरकार इसे सिर्फ नोटिफिकेशन के जरिए बढ़ा सकती है.
मोबाइल हेल्थ सेवा के लिए 500 करोड़!
सूत्रों की मानें तो इस बजट में मोबाइल हेल्थ सर्विसेज को बनाने और बढ़ाने पर सरकार का विशेष जोर रहने वाला है. मोबाइल हेल्थ सर्विसेस का सीधा मतलब है, मोबाइल ऐप के जरिए डॉक्टर से बीमारी के बारे में सलाह लेना और चेक अप कराना. सूत्र बता रहे हैं कि मोबाइल हेल्थ सेवा के लिए सरकार आगामी बजट में पांच सौ करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड का एलान कर सकती है. दरअसल, सरकार देश के दूर दराज में स्थित गावों तक हेल्थ सेवा पहुंचाने का प्रयास कर रही है. इसमें मोबाइल हेल्थ सेवा के अलावा हेल्थ कार सेवा भी शामिल है. हेल्थ कार सेवा में चिकित्सा के लिए एक एम्बुलेंस जैसी गाड़ी गांव-गांव तक जया करेगी.