प्रत्यार्पण मामले में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है. ब्रिटेन की अदालत में विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर चल रही सुनवाई में भारत सरकार का पक्ष रख रही क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने बचाव पक्ष की ओर से राजनीतिक विशेषज्ञ के बयानों को खारिज किया.
लंदन. प्रत्यार्पण मामले में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है. ब्रिटेन की अदालत में विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर चल रही सुनवाई में भारत सरकार का पक्ष रख रही क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने बचाव पक्ष की ओर से एक राजनीतिक विशेषज्ञ के बयानों को खारिज कर दिया है. सीपीएस का कहना है कि राजनीतिक विशेषज्ञ ने भारतीय जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए दोषपूर्ण सामग्रियों का सहारा लिया.
विजय माल्या केस की सुनवाई वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही है. सुनवाई के पांचवें दिन स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड एशियन स्टडीज के राजनीति विभाग के प्रोफेसर लॉरेंस साएज को गवाह के तौर पर पेश किया गया. साएज ने भारतीय राजनीतिक तंत्र पर अपनी राय दी. इसमें उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की निष्पक्षता तथा राकेश अस्थाना की विशेष निदेशक के तौर पर नियुक्ति पर सवाल उठाए.
साएज ने अपने लिखित बयान में सीबीआई को ‘पिंजरे में बंद मालिक के इशारे पर बोलने वाला कबूतर’ बताया है. वहीं, सीपीएस के वकील मार्क समर्स ने इसके जवाब में कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) का गठन हुआ जो सीबीआई पर स्वतंत्र निगरानी रखती है.
समर्स ने कहा, ‘सीबीआई की स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हुए आपने आयोग का कहीं जिक्र नहीं किया।’ उन्होंने कहा कि भारतीय लोक शिकायत निवारण और पेंशन मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट में सीबीआई को देश का भरोसेमंद मुख्य जांच एजेंसी बताया गया है.
समर्स ने इन स्रोतों को ध्यान में न रख कर सिर्फ मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा करने के कारण साएज के दृष्टिकोण को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘आपने सीबीआई पर हमला किया और इसके निदेशक अस्थाना के चरित्र एवं पेशेवर ईमानदारी पर गंभीर आरोप लगाए. समर्स ने उच्चतम न्यायालय द्वारा 28 नवंबर को दिए एक आदेश का जिक्र किया जिसमें सीबीआई के विशेष निदेशक के तौर पर अस्थाना की नियुक्ति के बारे में कहा गया था कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं की गई है.
साएज ने अपनी गवाही में कहा था कि माल्या को अनुचित तरीके से फंसाया जा रहा है क्योंकि वह कॉरपोरेट जगत की बड़ी शख्सियत हैं. उन्हें राजनीतिक समर्थन पाने की होड़ में राजनीतिक दलों द्वारा गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. साएज ने कहा, ‘माल्या एक प्रतिष्ठित कारोबारी हैं और मेरी नजर में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक समर्थन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.’ बता दें कि कि लंदन की अदालत में माल्या के खिलाफ 4 दिसंबर से शुरू हुई सुनवाई में उनके खिलाफ प्रथमदृष्टया धोखाधड़ी के खिलाफ लगे आरोपों पर गौर किया जाना है. माल्या भारतीय न्याय प्रक्रिया से बचते हुए मार्च 2016 से ब्रिटेन में रह रहे हैं.