अब इस स्थिति में आपको घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसी स्थिति में पुलिस अब आपका चालान नहीं काटेगी. पिछले दिनों सरकार ने भी अपने साथ ड्राइविंग लाइसेंस की हार्ड कॉपी रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है.
घर से चलते समय अक्सर आप ड्राइविंग लाइसेंस या गाड़ी की आरसी भूल जाते हैं और रास्ते में ट्रैफिक पुलिस का जवान आपका चालान काट देता है. ऐसे में आप काफी परेशान होते हैं. अब इस स्थिति में आपको घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसी स्थिति में पुलिस अब आपका चालान नहीं काटेगी. पिछले दिनों सरकार ने भी अपने साथ ड्राइविंग लाइसेंस की हार्ड कॉपी रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. लेकिन जब आपके पास डीएल की हार्ड कॉपी नहीं होगी तो ऐसे में आपको क्या करना होगा, इस बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं.
ड्राइविंग के समय जब आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस की हार्ड कॉपी न हो तो आप सॉफ्ट कॉपी दिखाकर काम चला सकते हैं. लेकिन शर्त यह है कि यह सॉफ्ट कॉपी आपके डिजिटल लॉकर में होनी चाहिए. यहां से ट्रैफिक पुलिस आपके ड्राइविंग लाइसेंस को वेरिफाई कर लेगी. दरअसल डिजिटल लॉकर पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है.
क्या है डिजिटल लॉकर
सरकार ने डिजिटल लॉकर को खास मकसद से लॉन्च किया है. इसका मकसद भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करना और एजेंसियों के बीच में ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है. डिजिटल लॉकर में अकाउंट बनाकर आप जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं. डिजिटल लॉकर में ई-साइन की सुविधा भी है जिसका उपयोग डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने के लिए किया जा सकता है.
ऐसे बनाएं डिजिटल लॉकर
डिजिटल लॉकर के इस्तेमाल के लिए आपको https://digitallocker.gov.in पर अपना अकाउंट बनाना होगा. इसके लिए आपको आधार नंबर की जरूरत होगी. साइट पर साइनअप करने के लिए आधार नंबर मांगा जाएगा और दो विकल्प यूजर के वेरिफिकेशन के लिए उपलब्ध होंगे. पहला ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड जिसपर क्लिक करते ही आपके मोबाइल पर पासवर्ड आ जाएगा. यदि आप दूसरा विकल्प यानी अंगूठे का निशान चुनते हैं तो एक पेज खुलेगा जहां आपको उंगलियों के निशान पर अपने अंगूठे का निशान लगाना होगा. वेरिफाई होने के बाद आप अपना यूजर नेम और पासवर्ड क्रिएट कर पाएंगे.
सरकारी विभागों के साथ शेयर करें
आप डिजिटल लॉकर में जो भी कागजात अपलोड करते हैं उनके सामने शेयर का विकल्प दिया हुआ होगा. जैसे ही आप शेयर करें पर क्लिक करेंगे एक डायलॉग बॉक्स खुलेगा. उस डायलॉग बॉक्स में आप जिस भी व्यक्ति या संस्था से वह कागजात शेयर करना चाहते हैं उसका ईमेल आईडी डालेंगे और शेयर पर क्लिक करेंगे तो संबंधित मेल आईडी पर उस कागजात का लिंक मेल हो जाएगा. इसके बाद संबंधित एजेंसी या व्यक्ति उसका उपयोग कर सकता है.
इस फार्मेट में सेव होंगी फाइल
डिजिटल लॉकर में आप अपनी फाइल्स को pdf, jpg, jpeg, png, bmp और gif फॉरमेट में सेव कर सकते हैं. अपलोड की जाने वाली फाइल का साइज 1 एमबी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. फिलहाल प्रत्येक यूजर को 10 एमबी का स्पेस मिलेगा जिसे बाद में बढ़ाकर 1 GB तक किया जाना प्रस्तावित है. इससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी.
डिजिटल लॉकर ही क्यों?
इस तरह की सुविधा के लिए डिजिटल लॉकर में सेव किए गए डॉक्यूमेंट्स को ही मान्यता दी गई है. इसका कारण ये है कि इसमें फर्जीवाड़े की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि इस पर अकाउंट बनाने के लिए आपको आधार कार्ड की जरूरत होती है. इसके लिए एक बेहद आसान और साफ सुथरी प्रक्रिया है, जिससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी.