बैंक के अनुसार, नोटबंदी के बाद नकदी की मात्रा में कमी होने से नकद लेन-देन का तर्क भ्रामक है. उसने कहा कि नकदी की तरलता सुधरने के साथ ही डिजिटल भुगतान में कमी आयी है.
बाजार में नकदी की तरलता के सामान्य होने से पिछले कुछ महीनों में खुदरा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान में गिरावट देखी गयी है. एचडीएफसी बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. बैंक के अनुसार, नोटबंदी के बाद नकदी की मात्रा में कमी होने से नकद लेन-देन का तर्क भ्रामक है. उसने कहा कि नकदी की तरलता सुधरने के साथ ही डिजिटल भुगतान में कमी आयी है. बैंक के आंकड़े के अनुसार, पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के ठीक बाद दिसंबर में 1.3 अरब खुदरा इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन हुए थे. उसके बाद हर महीने में यह स्तर इससे नीचे रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘डिजिटल भुगतान के तरीकों में शुरुआती तेजी के बाद प्रमाण मिल रहे हैं कि कुछ छोटे कारोबारी वापस नकदी की ओर लौट रहे हैं.’’ उसने आगे कहा कि मोबाइल वॉलेटों में भी शुरुआती तेजी के बाद गिरावट देखी जा रही है. हालांकि बैंक ने यह भी कहा कि आठ नवंबर से पहले वाली स्थिति भी अभी नहीं आयी है.