ईपीएफओ ने आगे कहा कि भविष्य निधि का धन सामाजिक सुरक्षा के लिए होता है और लोगों को इसे बैंक खाते की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने इस योजना के अंशधारकों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक कारणों से अपनी भविष्य निधि का सारा पैसा नहीं निकालने उसका कहना है कि ऐसा करने पर लोग ऐसे कुछ उन लाभों से वंचित रह जाएंगे जिनके लिए नियमित अंशदान की जरूरी होती है. ईपीएफओ ने आगे कहा कि भविष्य निधि का धन सामाजिक सुरक्षा के लिए होता है और लोगों को इसे बैंक खाते की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. संगठन ने कहा, ‘‘हम सभी सदस्यों को बताना चाहते हैं कि वे बहुत जरूरी हो ही पूरी निकासी करें. उन्हें इसमें तब तक धन बरकरार रखना चाहिए तब तक कि वे सेवानिवृत्त नहीं हो जाते हैं. यही हमारा प्राथमिक लक्ष्य है.’’
केंद्रीय पीएफ आयोग के अतिरिक्त आयुक्त (पंजाब और हिमाचल प्रदेश) वी. रंगनाथ ने कहा, ‘‘हम मामूली वजहों से पूरी राशि निकालने से लोगों को हतोत्साहित कर रहे हैं. वे न सिर्फ पीएफ का पैसा खो रहे होते हैं बल्कि वृद्धावस्था सुरक्षा और पेंशन से भी हाथ धो रहे होते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘निकासी से हमारा तात्पर्य अंतिम भुगतान से है. उदाहरण के लिए आपने किसी जगह नौकरी छोड़ दी और आपको कहीं नौकरी नहीं मिल रही है, और आप चाहते हैं कि आपकी जो भी राशि है वह आपको लौटा दी जाए. आंशिक निकासी को हम अग्रिम भुगतान कहते हैं और इससे सदस्यता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.’’