भागलपुर क्षेत्र में अंशधारकों की संख्या में 31.6 प्रतिशत, अकोला में 25.7 प्रतिशत, वारंगल में 23.5 प्रतिशत, क्योंझर में 20.8 प्रतिशत तथा गुलबर्गा में 20.3 प्रतिशत की गिरावट आयी.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने क्षेत्र में काम कर रहे अधिकारियों से अंशधारकों की संख्या बढ़ाने के लिये कदम उठाने को कहा है. कई क्षेत्रीय कार्यालयों में अंशधारकों की संख्या में गिरावट को देखते हुए ईपीएफओ ने यह निर्देश दिया है. ईपीएफओ के आंकड़े के अनुसार 2016-17 के मुकाबले सितंबर 2017 में दार्जीलिंग कार्यालय में 93.70 प्रतिशत अंशधारकों की संख्या में कमी आयी. दार्जीलिंग कार्यालय पिछले वित्त वर्ष में योगदान दे रहे औसतन 29,984 अंशधारकों का प्रबंधन कर रहा था. यह सितंबर 2017 में घटकर 1,890 पर आ गया.
आंकड़े के अनुसार 31 कार्यालयों ने सितंबर में इस साल जुलाई के मुकाबले अंशधारकों की संख्या में 10 प्रतिशत से अधिक कमी की सूचना दी है. ईपीएफओ ने अपने संबंधित कार्यालय के प्रभारियों से अंशधारकों की संख्या में वृद्धि के लिये कदम उठाने को कहा है. साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आने वाले महीनों में सदस्यों की संख्या में और कमी नहीं आये.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आंकड़े के अनुसार अंशधारकों की संख्या जुलाई में 4.62 करोड़ से घटकर इस साल सितंबर में 4.38 करोड़ पहुंच गयी. इसी प्रकार, बहरामपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने भी अंशधारकों की संख्या में 35.8 प्रतिशत कमी की रिपोर्ट दी है. इस साल जुलाई में सदस्यों की संख्या 1,54,985 थी जो सितंबर में घटकर 99,468 रह गयी.
इसी प्रकार, भागलपुर क्षेत्र में अंशधारकों की संख्या में 31.6 प्रतिशत, अकोला में 25.7 प्रतिशत, वारंगल में 23.5 प्रतिशत, क्योंझर में 20.8 प्रतिशत तथा गुलबर्गा में 20.3 प्रतिशत की गिरावट आयी.