उपभोक्ता की मंजूरी के बिना ईपीएफओ निवेश नहीं बढ़ाएगा. ईपीएफओ का मानना है कि इक्विटी में निवेश से मेंबर्स को पीएफ डिपॉजिट पर बेहतर रिटर्न मिल सकेगा.
प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ खाताधारकों के लिए एक अच्छी खबर है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) शेयर बाजार में आई तेजी का फायदा उठाने की तैयारी कर रहा है. सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईपीएफओ अपने मेंबर्स को पीएफ का ज्यादा हिस्सा इक्विटी में निवेश करने का ऑप्शन दे सकता है. हालांकि, इसका फैसला पूरी तरह खाताधारक पर निर्भर करेगा. उपभोक्ता की मंजूरी के बिना ईपीएफओ निवेश नहीं बढ़ाएगा. ईपीएफओ का मानना है कि इक्विटी में निवेश से मेंबर्स को पीएफ डिपॉजिट पर बेहतर रिटर्न मिल सकेगा. दरअसल, 23 नवंबर को ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) की बैठक है. इसका इक्विटी निवेश का प्रस्ताव पेश किया जाएगा. अगर सीबीटी प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो पीएफ सदस्यों के पास यह विकल्प होगा कि वह अपने डिपॉडिट का ज्यादा हिस्सा शेयर बाजार में निवेश करने की मंजूरी दे.
शेयर बाजार में निवेश पर होगा प्रेजेंटेशन
सूत्रों की मानें तो 23 नवंबर को सीबीटी की बैठक में इक्विटी में निवेश के तरीकों पर एक्सपर्ट की एक टीम प्रजेंटेशन देगी. शेयर बाजार में निवेश के तरीके में बदलाव पर सीबीटी की बैठक में विचार होना है. इनमें से एक प्रस्ताव इक्विटी में पैसा लगाने के विकल्प का है. एक्सपर्ट्स की टीम सीबीटी को प्रस्ताव के फायदे और नुकसान की जानकारी देगी.
ईपीएफओ के सामने रिटर्न की चुनौती
ईपीएफओ के सूत्रों के मुताबिक, ईपीएफओ अभी शेयर बाजार में कुल 15 फीसदी तक निवेश करता है. इस निवेश पर अब तक बेहतर रिटर्न मिला है. उधर, सरकारी सिक्युरिटीज में निवेश पर रिटर्न नहीं मिल रहा. ऐसे में ईपीएफओ के सामने ये चुनौती है कि वह पीएफ डिपॉजिट पर बेहतर रिटर्न कैसे दिलाए. ईपीएफओ ने पिछले साल पीएफ पर 8.65 फीसदी रिटर्न दिया है. वहीं बैंक एफडी और स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर मिलने वाले ब्याज में लगातार कम हुआ है.
इंटरेस्ट रेट पर नहीं होगा विचार
पीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर जल्द फैसला होना है. हालांकि, सूत्रों की मानें तो 23 नवंबर को होने वाली बैठक में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर कोई फैसला नहीं होगा. बैठक में सिर्फ ब्याज दर पर विचार किया जाएगा. ब्याज दर तय करने के लिए सीबीटी की एक और बैठक दिसंबर में हो सकती है.