सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए.
सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए. संपत्ति क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है. कंपनी ने यह भी सलाह दी कि राज्यों को भी रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रेइट्स) के लिए स्टांप ड्यूटी से छूट देने के लिए कहा जाना चाहिए. ऐसा कदम उठाने से रेइट्स को कारोबार बढ़ाने में आसानी होगी.
धारा 80ईई के तहत हो छूट
जेएलएल ने कहा है कि की पहली बार अपना मकान खरीदने वालों को दी जाने वाली 50,000 रुपए की अतिरिक्त कर छूट को आगामी बजट में बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए. आयकर अधिनियम की धारा 80ईई के तहत यह छूट दी जाती है.
सरकार ने इसमें काफी कुछ सुधार किया
जेएलएल इंडिया के सीईओ और भारत प्रमुख रमेश नायर ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘इस सुविधा को बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए. इससे पहली बार घर खरीदने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा. यह कटौती आयकर की धारा 24 के तहत दी जाने वाली दो लाख रुपए की कुल कटौती के अतिरिक्त होगी.’ रेइट्स के बारे में उसने कहा कि पिछले कुछ सालों में सरकार ने इसमें काफी कुछ सुधार किया है.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, लाभांश वितरण कर, दीर्घकालिक पूंजीगत लाभकर और इकाइयों के हस्तांतरण जैसे कई कर मुद्दों को सुलझाया गया है लेकिन रेइट्स पर राज्यों के स्तर पर अभी भी स्टांप शुल्क देना पड़ता है.’ नायर ने कहा कि राज्यों को इस मामले में समझाया जाना चाहिए कि कम से कम शुरुआती कुछ वर्षों के लिए रेइट्स पर स्टांप शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए.