वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी को दिए गए 46 कार्रवाई योग्य मामलों में से सिर्फ कुछ गंभीर उल्लंघन के हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पनामा दस्तावेज मामले में 45 से अधिक इकाइयों को नया नोटिस जारी करने जा रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार (14 दिसंबर) को यहां बताया कि विदेशी विनिमय कानून के उल्लंघन के संदेह के अनुसार ये नोटिस जारी किए जा रहे हैं. एजेंसी ने कहा कि इस लीक दस्तावेजों की सूची में जिन भारतीयों का नाम आया है उनमें से 46 के खिलाफ विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत संभावित उल्लंघन के लिए कार्रवाई का मामला बनता है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वह जल्द तीन दर्जन इकाइयों को नोटिस जारी करेगी.
प्रवर्तन निदेशालय पनामा दस्तावेजों पर जांच एजेंसियों के बहु एजेंसी समूह (मैग) की सदस्यों में से है. एजेंसी अपनी इस कार्रवाई पर रिपोर्ट समिति को सौंपेगी जो इसे आगे समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजेगा. ईडी ने पहले ही इस तरह के मामलों में फेमा कानून के तहत संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी को दिए गए 46 कार्रवाई योग्य मामलों में से सिर्फ कुछ गंभीर उल्लंघन के हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘‘मैग में शामिल एजेंसियों द्वारा समन्वित कार्रवाई योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है और ईडी की कार्रवाई इसी का हिस्सा है.’’ खोजी पत्रकारों के समूह :आईसीआईजे: द्वारा पिछले साल जारी दस्तावेजों में 426 भारतीय या भारतीय मूल के लोगों का ब्योरा था. आयकर विभाग ने कहा है कि इन 426 में से 147 मामलों को उसने कार्रवाई योग्य पाया है.
इससे पहले विदेशों में कथित तौर पर अघोषित निवेश से संबंधी पनामा पेपर्स की जांच को आगे बढ़ाते हुए आयकर विभाग ने आधा दर्जन से अधिक भारतीय नामों के खिलाफ नए काले धन रोधी अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमें दर्ज किए हैं. इसके साथ ही उसने ऐसी इकाइयों की विदेशों में छुपा कर रखी गई संपत्ति का नए सिरे से मूल्यांकन भी शुरू किया है. अधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि पनामा की विधि सेवा कंपनी की लीक हुई कंप्यूटर फाइलों में भारत के जो नाम आए हैं उनमें से सात व्यक्तियों और इकाइयों की विदेशों में अघोषित धन – संपत्ति का पता चला है.
विभाग ने उनके खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) और कराधान अधिनियम 2015 के तहत जांच शुरू की है. जांच से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कर विभाग ने इन इकाइयों ने आय के फिर से मूल्याकंन के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही उनके खिलाफ कर विभाग तथा बैंकिंग अधिकारियों के सामने अपनी विदेश में जमा धन संपत्तियों की जानकारी नहीं देने के आरोप में जल्द ही आपराधिक मुकदमा कायम कराएगा.
अघोषित विदेशी संपत्तियों के ये मामले विदेशों में धन सम्पत्ति छुपाने के खिलाफ कड़े प्रावधान वाले नए कानून के तहत लिए जा रहे पहले मामले हैं जहां आपराधिक प्रक्रिया संबंधी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही. इसमें अघोषित विदेशी सम्पत्ति पर 120 प्रतिशत जुर्माने के साथ 10 साल तक की कैद का भी प्रावधान है.
सूत्रों ने विभिन्न देशों के साथ गोपनीयता के करार का हवाला देते हुए सातों इकाइयों की पहचान बताने से इनकार किया. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल में कहा था कि पनामा पत्रावली से जुड़े मामलों की जांच में आयकर विभाग को अब तक 792 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्तियों की जानकारी मिली है. इन मामलों में जांच जोरों पर है.