एमएसएमई मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार पांडा ने कहा कि क्रिसिडेक्स की यह लांचिंग सही समय पर हो रही है, जब एमएसएमई क्षेत्र में तीव्र विकास की उम्मीद की जा रही है.
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार (3 फरवरी) को कहा कि सिलसिलेवार सुधारों से देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है. उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षो में किए गए संरचात्मक सुधारों से अर्थव्यवस्था समेकन के चरण में प्रवेश कर गई है. वित्तमंत्री क्रिसिल तथा सिडबी के संयुक्त प्रयास से विकसित भारत का पहला एमएसई संवेदी सूचकांक क्रिसिडेक्स की लांचिंग पर बोल रहे थे. जेटली के मुताबिक, इस समेकन चरण में सूक्ष्म, लघु व मझौले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र अग्रणी भूमिका में होगा. उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र की सेहत अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा प्राणाधार है और हमने इसे अर्थव्यवस्था का औपचारिक स्वरूप प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां लोग न सिर्फ अपनी उद्यम क्षमता प्रदर्शित करते हैं और एक विशाल वैल्यू चेन का हिस्सा बनते हैं, बल्कि वे खुद रोजगार सर्जक होते हैं. यही कारण है कि इस खास क्षेत्र में विनिर्माण व व्यापार के जरिए रोजगार के ढेर सारे अवसर पैदा हुए हैं.” वित्तमंत्री ने एमएसएमई सेक्टर को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ करार दिया. क्रिसिडेक्स के संबंध में उन्होंने कहा, “मैं इस सूचकांक को बहुत महत्वपूर्ण मानता हूं, क्योंकि इससे आंकड़े व रुझान प्रदर्शित होंगे.” इस मौके पर पर, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार और आर्थिक मामले विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग भी मौजूद थे.
एमएसएमई मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार पांडा ने कहा कि क्रिसिडेक्स की यह लांचिंग सही समय पर हो रही है, जब एमएसएमई क्षेत्र में तीव्र विकास की उम्मीद की जा रही है. इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की काफी संभावनाएं हैं और आगे यह देश के विकास में अग्रणी की भूमिका अदा कर सकता है. उन्होंने बताया कि एनएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक आज देश में 6.3 करोड़ एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयां हैं, जो औपचारिक रूप से व्यवस्था का हिस्सा बन गई हैं. इस क्षेत्र में बने कल-पुर्जे तेजस लड़ाकू विमान से लेकर चरखा तक में इस्तेमाल किए जाते हैं. आज जीएसटीएन के तहत हुए एक करोड़ पंजीकरण में 95 फीसदी एमएमएमई क्षेत्र के उद्यम हैं.
क्रिसिडेक्स आठ मानकों के सूचकों के आधार पर तैयार किया गया एक संयोजित सूचकांक है और इसमें एमएसई व्यवसाय के रुझान को शून्य से 200 अंकों के पैमाने पर मापा जाता है. इस सूचकांक के आधार पर तैयार की गई पहली रिपोर्ट शनिवार को जारी की गई, जिसमें 1,100 एमएसई की ओर से मिली गुणात्मक प्रतिक्रियाएं शामिल हैं. इसमें 550 विनिर्माण क्षेत्र की इकाइयां हैं, जबकि 550 सेवा क्षेत्र से जुड़ी हैं.
क्रिसिडेक्स लांच के अवसर पर क्रिसिल की प्रबंध निदेशक व सीईओ आशु सुयश ने कहा कि पहली रिपोर्ट में क्रिसिडेक्स 107 पर है, जोकि मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकारात्मक रुझान का संकेत है. उन्होंने अंतिम तिमाही में बेहतर संवेदी सूचकांक रहने की उम्मीद जताई. वित्तमंत्री ने इस बजट में 250 करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार वाली कंपनियों पर निगम कर 25 फीसदी रखा है. इससे एमएसएमई क्षेत्र को फायदा मिला है.
बजट में एमएमएमई क्षेत्र के लिए 3794 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें क्रेडिट सपोर्ट पूंजी व ब्याज सब्सिडी पर होने वाले खर्च शामिल हैं. सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि सिडबी क्रिसिडेक्स में जमीनी प्रवृत्तियों का रुझान मिलता है. उन्होंने कहा, “शून्य से 100 के नीचे संवेदी सूचकांक नकारात्मक प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है, जबकि 100 से ऊपर का सूचकांक सकारात्मक प्रवृत्ति का द्योतक है. वहीं 200 अंक उत्तम प्रवृत्ति का परिचायक है.”