फिच ग्रुप की शोध फर्म बीएमआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में यह सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कारोबार सुगमता रैंकिंग में सुधार के बावजूद ‘नौकरशाही के स्तर पर अक्षमताएं’ देश की वृद्धि संभावनाओं को सीमित कर सकती हैं.
भारत की GDP ग्रोथ अगले पांच वर्षों में औसत 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना है. हालांकि, आर्थिक सुधारों से देश सबसे तेजी से बढ़ते बाजार के रूप में विकसित होगा. फिच ग्रुप की शोध फर्म बीएमआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में यह सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कारोबार सुगमता रैंकिंग में सुधार के बावजूद ‘नौकरशाही के स्तर पर अक्षमताएं’ देश की वृद्धि संभावनाओं को सीमित कर सकती हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा आर्थिक सुधारों तथा कारोबारी माहौल में बेहतरी से आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि को मदद मिलती रहेगी. अगले पांच वित्त वर्ष में औसत 6.5 प्रतिशत से अधिक वास्तविक जीडीपी वृद्धि के साथ भारत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली उदीयमान बाजार अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा.
रिपोर्ट में 2015 भूमि अधिग्रहण विधेयक के संसद में अटकने तथा अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित मामलों को ‘नौकरशाही के स्तर पर कमियों का संकेत बताया है. ऐसे मुद्दों के चलते भारत की ग्रोथ 7 प्रतिशत के नीचे ही रहेगी और देश को बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने और मजबूत विनिर्माण आधार स्थापित करने में चुनौती बनी रहेगी. रिपोर्ट में विदेशी निवेश आने वाले समय में भी जारी रहने की संभावना है क्योंकि, वैश्विक कंपनियां भारत की व्यापक बाजार संभावनाओं का दोहन करना चाहेंगी.