इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में नियोक्त्ओं की रोजगार देने की योजना में 22 प्रतिशत गिरावट रही जो कि अप्रैल-जून में और 19 प्रतिशत घट गई.
रोजगार क्षेत्र के लिये वर्ष 2017 चुनौतीपूर्ण रहने के बाद अब 2018 में योग्य प्रतिभाओं को 10 से 15 प्रतिशत तक की वेतनवृद्धि मिल सकती है. नोटबंदी के बाद कपड़ा और दूसरे परंपरागत क्षेत्रों में छंटनी से रोजगार बाजार काफी चुनौतीपूर्ण बन गया था. रोजगार संबंधी सलाह सेवा देने वाली कंपनी मैनपावर ग्रुप के भारतीय आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. मौजूदा साल के दौरान नोटबंदी के कारण कपड़ा उद्योग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों तथा कृत्रिम इंटेलीजेंस के कारण अत्याधुनिक क्षेत्रों में चुनौतियां सामने आयीं. इन कारणों से रोजगार उद्योग के लिए यह साल मुश्किलों भरा रहा.
2018 में जारी रहेगा सुधार
रिपोर्ट के अनुसार, देश में रोजगार प्रदाताओं द्वारा नियुक्तियों में भी 2018 में सुधार जारी रहेगा. इस साल की अंतिम तिमाही में पहली तीन तिमाही की मंदी के बाद रोजगार नियुक्तियों में सुधार आया है. कंपनी के सर्वेक्षण में कहा गया है कि इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में नियोक्ताओं की रोजगार देने की योजना में 22 प्रतिशत गिरावट रही जो कि अप्रैल-जून में और 19 प्रतिशत घट गई. इसके बाद जुलाई- सितंबर तिमाही में रोजगार के अवसर 16 प्रतिशत घटे लेकिन अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में रोजगार देने की नियोक्ताओं की योजना में 24 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया.
2018 में 10-15 प्रतिशत तक रहेगी
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि 2018 में नियुक्तियों में सुधार जारी रहेगा. मोबाइल विनिर्माण, वित्तीय प्रौद्योगिकी और स्टार्ट-अप्स सहित अन्य क्षेत्रों में नियुक्तियां बढ़ेंगी. इसके साथ ही वेतन वृद्धि भी 2017 में जहां 8-10 प्रतिशत रही वह 2018 में 10-15 प्रतिशत तक रहेगी. विभिन्न आकलनों के अनुसार, 2017 में महज 20 प्रतिशत कंपनियों ने नयी नियुक्तियां की और 60 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या बरकरार रखा.