मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने के 3 नए तरीकों का ऐलान

मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने के 3 नए तरीकों का ऐलान

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केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि सरकार ने 12 अंकों की आधार संख्या को मोबाइल के व्यक्तिगत नंबर से जोड़ने के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) समेत तीन नए तरीके पेश किए हैं। इसके माध्यम से आधार को अपने व्यक्तिगत नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया आसान होगी। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने तीन नए नियमों को शुरू किया है। वन टाइम पासवर्ड, ऐप आधारित और इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस (आईवीआर)। इन तीनों सुविधा के जरिए अपने आधार नंबर को मोबाइल नंबर के साथ जोड़ा सकता है।

इसके साथ अब ग्राहक दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के स्टोरों पर गए बिना अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ सकते हैं। डीओटी ने बयान में कहा, “वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग और गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों की आसानी के लिए दूरसंचार विभाग ने उपभोक्ताओं के दरवाजे पर पुन: सत्यापन के लिए भी सिफारिश की है।”

केंद्र ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि आधार योजना को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए 31 मार्च, 2018 तक का समय दिया जाए। नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, दूरसंचार ऑपरेटरों को ऐसी सेवा का अनुरोध करने वाले लोगों के लिए एक ऑनलाइन तंत्र उपलब्ध कराया जाना चाहिए और इसकी उपलब्धता समय-सीमा पर आधारित हो, जिसे समय के मुताबिक पूरा किया जाए।

उन्होंने कहा, “आधार संख्या प्रणाली देश के सभी निवासियों को महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं तक पहुंच और समय-समय पर उनकी महत्वपूर्ण जानकारी की अनुमति देने के लिए बनाई गई थी।” मंत्री ने कहा कि देश में मोबाइल की पहुंच तेजी से बढ़ रही है और इसके जरिए ग्राहकों को मोबाइल नंबर के साथ आधार संख्या को जोड़ने में आसानी होगी। सिन्हा ने कहा, “यह सुविधा में सुधार करने और उपभोक्ताओं द्वारा सरकारी सूचनाओं और सेवाओं तक पहुंच बनाने के लिए समय और ऊर्जा को बचाने के लिए सरकार का एक प्रयास है।”

सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के एक प्रतिनिधि ने कहा, “दूरसंचार विभाग के नवीनतम स्पष्टीकरण के मद्देनजर हम उद्योगों से गठबंधन कर रहे हैं, और ग्राहकों को इस समय इसकी जरूरत है। जबकि, निर्देशों को लागू करने में थोड़ा समय लगेगा। हम सरकार के साथ काम कर रहे हैं, ताकि ग्राहकों को अपने मोबाइल नंबर से आधार को जोड़ने की सुविधा को बेहतर और आसान किया जा सके।”

प्रतिनिधि ने कहा, “हम सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को कार्यान्वित कर रहे हैं, ताकि ओटीपी, एप आधारित और आईवीआरएस सुविधा सहित निर्धारित अतिरिक्त विधियों का उपयोग किया जा सके। हम उम्मीद करते हैं कि व्यक्तिगत मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए ई-केवाईसी मानदंडों का पालन करने के लिए इसे प्रयोग करना तेज और आसान हो जाएगा।”

दूरसंचार विभाग ने अगस्त माह में एक परिपत्र में आधार के लिए आईरिस या फिंगरप्रिंट आधारित प्रमाणीकरण प्रदान करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिए थे। नए नियमों में यह बताया गया था कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस उद्देश्य के लिए आईरिस जानकारों को एक उचित भौगोलिक क्षेत्र में तैनात करना होगा।

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