गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी की दरें एक बार फिर घट सकती हैं. एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर GST घटाने के बाद अब सरकार कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर पर GST घटाने का विचार कर रही है.
गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी की दरें एक बार फिर घट सकती हैं. एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर GST घटाने के बाद अब सरकार कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर पर GST घटाने का विचार कर रही है. फिलहाल ऐसे उत्पादों पर 28 फीसदी टैक्स लगता है. सरकार ऐसा करके महिलाओं को राहत देने की कोशिश कर रही है. सूत्रों की मानें तो अगले दौर में वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर जैसे कंज्यूमर गुड्स को ऊंचे स्लैब से निकाल कर छोटे स्लैब में डाला जा सकता है. सरकार इन प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम करना चाहती है क्योंकि, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर टैक्स कम करने से प्रोडक्ट्स की खरीददारी बढ़ेगी. अगर ऐसा होता है तो सबसे ज्यादा खुशी महिलाओं को होगी.
अभी मंदी में है सेक्टर
मौजूदा समय में कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर मंदी के दौर में है. दरअसल, 28 फीसदी जीएसटी लगने की वजह से इनकी बिक्री में कमी आई है. इसे लेकर व्यापारियों की तरफ से काफी शिकायतें भी आ रही हैं. सूत्रों की मानें तो सरकार के ऐसा करने के पीछे महिलाओं को खुश करने का मकसद है. दरअसल, रोजमर्रा की तमाम चीजें घरेलू महिलाओं के सबसे करीब होती हैं. डिश वॉशर्स और वॉशिंग मशीन जैसे प्रोडक्ट से महिलाओं का काम हल्का करते हैं, ताकि उन्हें खुद के लिए भी कुछ वक्त मिल सके. ऐसे में टैक्स कम होने पर महिलाओं को खुशी होगी.
मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा
कंज्यूमर प्रोडक्ट्स पर जीएसटी घटाने से मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिल सकता है. कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के निर्माण को देश में ही बढ़ावा दिया जाना चाहिए. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर अभी लगने वाले 28% टैक्स के बजाए 18% टैक्स लिया जाएगा तो इससे घरेलू निर्माताओं को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा. टैक्स के कम होने से मांग बढ़ेगी और मांग बढ़ने से कंपनी दाम घटा सकती है. इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि दक्षिण कोरिया और अन्य देशों से होने वाले आयात से हमारी निर्भरता घटेगी. हालांकि, काफी कंज्यूमर गुड्स के उत्पादों को पहले ही 12 और 18 फीसदी जीएसटी के स्लैब में लाया जा चुका है. लेकिन, समीक्षा के दौरान कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के बाकी उत्पादों को भी छोटे टैक्स स्लैब में रखा जा सकता है.
रेस्टोरेंट्स पर जीएसटी 18% से घटाकर 5%
जीएसटी काउंसिल ने पिछले हफ्ते ही फाइव स्टार होटल्स को छोड़कर अन्य रेस्टोरेंट्स पर जीएसटी रेट्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया. हालांकि, इनपुट टैक्स क्रेडिट खत्म करने से कई फूड चेन ने कीमतें बढ़ा दीं. दरअसल, सरकार 12% और 18% को एक दर में मिलाकर और प्रोसेस्ड फूड्स एवं अन्य घरेलू इस्तेमाल के सामान को 5% के ब्रैकेट में रखकर भविष्य में तीन टैक्स रेट्स ही रखना चाहती है.
211 उत्पादों की दर में हुआ बदलाव
पिछले हफ्ते जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुल 211 वस्तुओं के जीएसटी स्लैब को बदला गया था. 178 वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है. 28 प्रतिशत वाले स्लैब में अब 228 वस्तुएं नहीं सिर्फ 50 वस्तुएं ही रह गई हैं.