एजेंसी ने कहा कि बैंकों, तेल कंपनियों, आईटी और वित्त क्षेत्र के कारण कंपनियों का प्रदर्शन खराब हुआ है.
सुस्त औद्योगिक विकास तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के साथ तालमेल बिठाने के कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उद्योग जगत का मुनाफा 1.5 प्रतिशत गिरकर 1030 अरब रुपये पर आ गया. पिछले साल की इसी तिमाही में यह 13.2 प्रतिशत बढ़ा था. केयर रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया. रिपोर्ट में 1241 कंपनियों के परिणामों का आकलन किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘सितंबर में समाप्त तिमाही में कंपनियों का शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 1050.21 अरब रुपये की तुलना में 1.5 प्रतिशत गिरकर 1034.38 अरब रुपये पर आ गया है.’’ उसने आगे कहा कि कुल बिक्री में बड़ी कंपनियां छायी रहीं. इसमें उनकी 71 प्रतिशत हिस्सेदारी रही.
उसने कहा, ‘‘बड़ी कंपनियों का शुद्ध मुनाफा इस साल सितंबर में समाप्त तिमाही में 7.4 प्रतिशत गिरा. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 10.9 प्रतिशत बढ़ा था.’’ इस दौरान कुल बिक्री की वृद्धि में भी गिरावट रही और यह सात प्रतिशत पर आ गयी. पिछले साल की इस तिमाही में यह 10 प्रतिशत रही थी.
एजेंसी ने कहा कि बैंकों, तेल कंपनियों, आईटी और वित्त क्षेत्र के कारण कंपनियों का प्रदर्शन खराब हुआ है.