प्राइवेट सेक्टर के दूसरे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को तोहफा दिया है. बैंक ने कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन चार्ज हटा दिए हैं.
प्राइवेट सेक्टर के दूसरे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को तोहफा दिया है. बैंक ने कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन चार्ज हटा दिए हैं. अब ग्राहकों को NEFT और RTGS ट्रांजैक्शन के लिए किसी तरह का कोई चार्ज नहीं चुकाना होगा. हालांकि, बैंक ब्रांच में जाकर के ट्रांजैक्शन करने वालों पर चार्ज लगता रहेगा. पहले बैंक 2-5 लाख रुपए के RTGS ट्रांजैक्शन करने पर 25 रुपए चार्ज लगता था. वहीं, 5 लाख से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर 50 रुपए चार्ज लगता था. ट्रांजैक्शन फ्री को 1 नवंबर से लागू कर दिया गया है.
NEFT पर भी अब कोई चार्ज नहीं
बैंक की NEFT सर्विस के जरिए 10000 रुपए तक 2.5 रुपए चार्ज देना होता था. वहीं, 10 हजार रुपए से 1 लाख तक 5 रुपए का चार्ज था, 1 लाख रुपए से 2 लाख तक के ट्रांजैक्शन पर 15 रुपए और 2 लाख से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर 25 रुपए चार्ज देना होता था.
चेक का प्रयोग करना हुआ महंगा
NEFT और RTGS के बैंक ने चेक का प्रयोग कम करने के लिए इसकी फीस बढ़ा दी है. अब ग्राहकों को साल में केवल 25 लीफ वाली एक चेकबुक मिलेगी. पहले साल में दो चेकबुक दी जाती थी. अगर अब आपको अतिरिक्त चेक बुक चाहिए तो इसे मंगाने के लिए 75 रुपए चार्ज देना होगा.
चेक बाउंस होने पर भी चार्ज बढ़ा
खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने की स्थिति में अगर चेक बाउंस होता है तो इसके लिए भी अतिरिक्त चार्ज देना होगा. इसके लिए हर चेक पर बैंक 500 रुपए चार्ज वसूलेगा. वहीं, अगर कोई चेक डिपॉजिट होने के बाद वापस चला जाता है तो उस पर 100 रुपए के बजाए 200 रुपए चुकाने होंगे. यह सभी चार्ज सेविंग और सैलेरी दोनों अकाउंट पर लगेंगे.