वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार का कहना है कि मौजूदा सुधारों के बाद ईमानदार कर्जदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कर्ज लेना आसान होगा.
वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार का कहना है कि मौजूदा सुधारों के बाद ईमानदार कर्जदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कर्ज लेना आसान होगा. उल्लेखनीय है कि सरकार नेइसी सप्ताह बैंकिंग क्षेत्र में अनेक सुधारों की घोषणा की. सरकार ने कहा है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के 20 बैंकों में 31 मार्च से पहले 88,139 करोड़ रुपये निवेश करेगी ताकि उधारी को बल दिया जा सके और वृद्धि बहाल की जा सके.
कुमार ने कहा, ‘सरकार की ओर से घोषित इस सुधार प्रक्रिया का एक मुख्य उद्देश्य कर्जदारों की ईमानदारी को पुरस्कृत करना तथा सही व ईमानदार कर्जदारों के लिए जरूरत आधारित वित्तपोषण को आसान व बाधारहित बनाना है.’ विभिन्न फिनटेक उपायों के साथ साथ दाखिल किए जाने वाले जीएसटी रिटर्न से भी बैंकों को नकदी प्रवाह की काफी जानकारी मिल सकेगी. कुमार ने कहा कि इसके आधार पर बैंक ऋण मंजूरी के बारे में फैसला कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि उक्त पहलों के तहत सूक्ष्म, लघु व मझौले उद्यमों एमएसएमई, वित्तीय समावेशी व रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
सरकारी बैंक से लोन लेना होगा आसान
24 जनवरी को ट्वीट कर राजीव कुमार ने ट्वीट कर कहा था, ‘देश भर में 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सुविधा – मोबाइल ऐप के माध्यम से बैंक ढूंढिये और संपर्क कीजिए!’ वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार का कहना है कि मौजूदा सुधारों के बाद ईमानदार कर्जदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कर्ज लेना आसान होगा.
सरकार ने इसी सप्ताह बैंकिंग क्षेत्र में अनेक सुधारों की घोषणा की है. सरकार ने कहा है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के 20 बैंकों में 31 मार्च से पहले 88,139 करोड़ रुपए का निवेश करेगी ताकि उधारी को बल दिया जा सके और वृद्धि बहाल की जा सके.
कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से घोषित इस सुधार प्रक्रिया का एक मुख्य उद्देश्य कर्जदारों की ईमानदारी को पुरस्कृत करना तथा सही व ईमानदार कर्जदारों के लिए जरूरत आधारित वित्तपोषण को आसान व बाधारहित बनाना है. विभिन्न फिनटेक उपायों के साथ-साथ दाखिल किए जाने वाले जीएसटी रिटर्न से भी बैंकों को नकदी प्रवाह की काफी जानकारी मिल सकेगी.
कुमार ने कहा कि इसके आधार पर बैंक ऋण मंजूरी के बारे में फैसला कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उक्त पहलों के तहत सूक्ष्म, लघु व मझौले उद्यमों (एमएसएमई), वित्तीय समावेशी व रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.