जुलाई से सितंबर की तिमाही के दौरान बैंक के कर्मचारियों की लागत 1,514 करोड़ रुपए पर कोई बदलाव नहीं हुआ.
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के दौरान बड़ा कदम उठाया है. बैंक के इस कदम से हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं. आईसीआईसीआई बैंक ने दूसरी तिमाही के दौरान 1,082 लोगों की छटनी की है. हालिया आंकड़े के मुताबिक 30 सितंबर तक बैंक में करीब 83,058 कर्मचारी काम कर रहे थे. जून 2017 में यह आंकड़ा 84,140 कर्मचारियों का था.
जुलाई से सितंबर की तिमाही के दौरान बैंक के कर्मचारियों की लागत 1,514 करोड़ रुपए पर कोई बदलाव नहीं हुआ. बढ़ते डिजीटलीकरण के बीच बैंकिंग सेक्टर में रोबोट्स, चैटबॉट्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तकनीका का चलन बढ़ा है. ऐसे में बैंकिंग सेक्टर में रोजगार का संकट गहरा रहा है. इसके अलावा बकाया ऋण की गुणवत्ता के कारण बैंकों की बैलेंस सीट पर बढ़ रहे दबाव और अधिक पूंजी प्रावधान आवश्यकताएं सीधे तौर पर बैंकों की लागत को प्रभावित कर रही है.
हाल ही में यूको बैंक और यूनियन बैंक को बड़ा घाटा होने की खबर भी मीडिया में आई है. निजी क्षेत्र के एक अन्य प्रमुख बैंक एचडीएफसी (HDFC) बैंक ने 2,700 लोगों को और निजी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े बैंक एक्सिस बैंक ने जुलाई से सितंबर के दौरान 2,270 लोगों के नौकरी दी है. हालांकि एचडीएफसी बैंक ने जून 2017 में अपने कर्मचारियों की संख्या को घटाकर 83,750 कर दिया था. वहीं बीते साल सिंतबर के अंत तक बैंक ने कर्मचारियों की संख्या 95,002 रही थी.
बीती दो तिमाही के दौरान (अप्रैल से सितंबर तक) आईसीआईसीआई बैंक ने पहली तिमाही में 1,300 कर्मचारियों को नौकरी दी थी. 30 जून 2017 तक बैंक के कर्मचारियों की संख्या 84,140 थी. हालांकि दूसरी तिमाही के दौरान इसमें कमी देखने को मिली है.