खाद सहकारी निर्माता इफ्को अब डिजिटल माध्यम से किसानों की मदद करने पर जोर देगा. इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.
खाद सहकारी निर्माता इफ्को अब डिजिटल माध्यम से किसानों की मदद करने पर जोर देगा. इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत ‘भारतीय सहकारिता डिजिटल मंच’ की शुरुआत की गई है. इफ्को ने 50 साल पूरे कर लिए हैं. इस मौके पर गुजरात के कलोल संयंत्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मौजूद इफ्को के चेयरमैन बलविंदर सिंह नकाई ने कहा कि साल 1967 में 57 सहकारिता समितियों से शुरु हुआ इफ्को आज लगभग 36,000 भारतीय सहकारिताओं के साथ है. मौजूदा समय में हफ्को देश के करी पांच करोड़ किसानों के जीवन को बेहतर करने के प्रयास में जुटा है. इफ्को के प्रबंध निदेशक डॉक्टर यूएस अवस्थी ने कहा कि हम किसानों की उभरती आवश्यकताओं को समझने का काम करेंगे और तेजी से बदलते हुए आर्थिक परिदृश्य की मांगों को पूरा करने के लिये उन्हें आधुनिक समाधानों से सुसज्जित करेंगे.
इस अवसर पर इफ्को ने भारत के सहकारिता आंदोलन में योगदान के लिये प्रतिष्ठित सह-परिचारकों को वार्षिक सहकारिता पुरस्कार भी प्रदान किये. ज्योतिंद्र भाई एम. मेहता को सहकारिता रत्न पुरस्कार और श्री रमेश वैद्य को सहकारिता बंधु पुरस्कार प्रदान किया गया.
स्वर्ण जयंती उत्सव में फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई), इंटरनेशनल फर्टिलाइजर एसोसिएशन (आईएफए), इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस (आईसीए) से आये अतिथियों के अलावा मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक केनिची आयुकावा, मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेश इसुके शियोजाकी, टोकियो मरीन होल्डिंग्स के प्रेसिडेंट एवं समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी त्सुयोशी नगानो और एरियल गुआर्को (आईसीए) जैसी गणमान्य हस्तियां भी उपस्थित थीं.
इफको का सालाना टर्न ओवर करीब 36 हजार करोड़ है और इसके पास करीब 40 हजार करोड़ की परिसंपत्तियां हैं. भारत में इफको के 5 अत्याधुनिक कारखाने हैं. बीमा से लेकर ग्रामीण खुदरा व्यवसाय तक अनेक क्षेत्रों में इफको का कारोबार फैला है.