अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि चालू वर्ष में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 5.6% की रफ्तार से वृद्धि करेगी. इसकी प्रमुख वजह उसने वहां सुरक्षा की स्थिति में सुधार, ऊर्जा की आपूर्ति, कृषि और बुनियादी ढांचे में निवेश में सुधार बताया. मुद्रा कोष का यह बयान हाल ही में उसके अधिकारियों की पाकिस्तान यात्रा के बाद आया है. मुद्रा कोष के अधिकारियों के एक दल ने पांच से चौदह दिसंबर के बीच पाकिस्तान की यात्रा की थी. मुद्रा कोष ने कहा कि इस सकारात्मक धारणा को बनाए रखने के लिए अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को मजबूत करने की जरुरत होगी. साथ ही राजकोषीय अनुशासन, उपयुक्त कड़ी मौद्रिक नीति का रुख और मुद्रा विनिमय दरों को उदार बनाये रखने की भी आवश्यकता है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि चालू वर्ष में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 5.6% की रफ्तार से वृद्धि करेगी. इसकी प्रमुख वजह उसने वहां सुरक्षा की स्थिति में सुधार, ऊर्जा की आपूर्ति, कृषि और बुनियादी ढांचे में निवेश में सुधार बताया. मुद्रा कोष का यह बयान हाल ही में उसके अधिकारियों की पाकिस्तान यात्रा के बाद आया है. मुद्रा कोष के अधिकारियों के एक दल ने पांच से चौदह दिसंबर के बीच पाकिस्तान की यात्रा की थी. मुद्रा कोष ने कहा कि इस सकारात्मक धारणा को बनाए रखने के लिए अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को मजबूत करने की जरुरत होगी. साथ ही राजकोषीय अनुशासन, उपयुक्त कड़ी मौद्रिक नीति का रुख और मुद्रा विनिमय दरों को उदार बनाये रखने की भी आवश्यकता है.
पाकिस्तान की यात्रा करने वाले दल का नेतृत्व करने वाले मुद्रा कोष के अधिकारी हैराल्ड फिंगर ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को मजबूत करना पाकिस्तान की वृद्धि की धारणा को बनाने रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि न्यूनतम अवधि में निजी निवेश और रोजगार सृजन को सतत बनाए रखा जाए.’
उन्होंने कहा, ‘जहां अर्थव्यवस्था में वृद्धि का रुझान दिख रहा है, वहीं मुद्रास्फीति उसे एक दायरे में रखेगीं. निकट अवधि में पाकिस्तान को कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करना है.’ उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के उस हालिया कदम का स्वागत किया जिसमें उसने विनिमय दर को समायोजित करने की अनुमति दी है. उन्होंने कहा कि विनिमय दरों के लिए इस तरह का लचीला रुख आने वाले समय में महत्वपूर्ण होगा. साथ ही उन्होंने बिजली क्षेत्र से संबंधित निर्णायक फैसले करने और वृहद आर्थिक स्थिरता के लिए बेहतर प्रयास करने का भी सुझाव दिया.
इससे पहले पाकिस्तान अपने देश की अर्थव्यवस्था के हालत के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से चर्चा के बाद अपने रुपये के अवमूल्यन पर राजी हो गया है. डॉन आनलाइन की रपट में कहा गया है कि पाकिस्तान और आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के बीच बीते 8 दिसंबर को पहले दौर की बातचीत संपन्न हुई. यह कदम पिछले महीने लांच किए गए दो अंतर्राष्ट्रीय बांड्स की प्राप्तियां सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. रपट में कहा गया है कि इस कदम से शुक्रवार (8 दिसंबर) को पाकिस्तान की मुद्रा की दर एक डॉलर के मुकाबले 110 रुपये तक पहुंचने की अनुमति दे गई, हालांकि यह 107 रुपये तक ही पहुंच पाई और आधिकारिक अनुमान से ज्यादा नहीं घटा.