विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच 10.95 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि की काफी संभावना है.’’
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार (17 नवंबर) को कहा कि भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाये जाने की काफी संभावना है. फ्रांस के विदेश मंत्री जिएन वाईव्स ली ड्रिएन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सुषमा ने कहा कि भारत, फ्रांस के साथ बहुपक्षीय भागीदारी को काफी महत्व देता है. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच 10.95 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि की काफी संभावना है.’’ मंत्री ने सूचित किया कि देश में करीब 1,000 फ्रांसीसी कंपनियां काम कर रही हैं जिनका कारोबार 20 अरब डॉलर का है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मजबूत अर्थव्यवस्थाएं व्यापार और वाणिज्य में सहयोग और मजबूत बनाने का अवसर उपलब्ध कराती हैं.’’ उन्होंने कहा कि भारत स्मार्ट शहर, स्वच्छ ऊर्जा तथा परिवहन में फ्रांस की कंपनियों का स्वागत करता है. सुषमा ने कहा कि दोनों देशों की जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये दीर्घकालीन समाधान तलाशने को लेकर सहमति है . साथ ही सतत ऊर्जा को लेकर साझी प्रतिबद्धताएं हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस के साथ भारत के गठजोड़ में असैन्य परमाणु सहयोग एक प्रमुख आधार है और दोनों देशों ने 9,900 मेगावाट क्षमता के जैतापुर परमाणु परियोजना (जेएनपीपी) के तेजी से क्रियान्वयन को लेकर ठोस उपायों पर चर्चा की. सुषमा ने कहा कि परमाणु ऊर्जा के अलावा रक्षा तथा अंतरिक्ष द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी का प्रमुख आधार है.
उल्लेखनीय है कि परमाणु सहयोग समझौता के तहत भारत और फ्रांस ने 2008 में हस्ताक्षर किये थे. इसके तहत फ्रांस को जैतापुर में 1,650-1,650 मेगावाट क्षमता के छह परमाणु रिएक्टर के निर्माण में मदद करना है. जैतापुर मुंबई से 500 किलोमीटर दूर है.
फ्रांस की कंपनी ईडीएफ भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम के साथ मिलकर छह रिएक्टर बनाएगी. इस अवसर पर फ्रांस के मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रोन ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के साथ जो एक तेजी आयी हे, उसे बनाये रखने की इच्छा जतायी और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना की. उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी हमारी कंपनी साथ मिलकर काम कर रही हैं और आने वाले समय में वे और अधिक करेंगी.’’