नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि जीईएस के जरिये वे उद्यमिता, स्टार्ट-अप्स, प्रौद्योगिकी विघटन व नवाचार के लिए बेहतर माहौल तैयार कर रहे हैं.
भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने सोमवार (27 नवंबर) को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र (इंडो-पैसिफिक रीजन) में अमेरिकी व्यापार व निवेश को भारत का सहारा मिल सकता है. अमेरिकी राजदूत का यह बयान मंगलवार (28 नवंबर) को हैदराबाद में शुरू हो रहे वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन (जीईएस) की पूर्व संध्या पर आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पुत्री इवांका ट्रंप इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे. आर्थिक संबंध को समग्र रणनीतिक भागीदारी का अहम हिस्सा बताते हुए उन्होंने जीईएस को दोनों देशों के बीच अत्यंत मजबूत रणनीतिक भागीदारी के दूसरे अहम संकेत व स्पष्ट सूचक के रूप व्याख्यायित किया.
अमेरिकी राजदूत ने एक प्रेस कान्फ्रें स में कहा, “आर्थिक संबंध भी उतना की रणनीतिक होना चाहिए जितना कि सुरक्षा से जुड़े संबंध. भारत को समय के साथ खुद को प्रशांत-हिंद क्षेत्र में अमेरिकी व्यापार और निवेश के सहारे के रूप में देखना चाहिए. इससे ना सिर्फ हमारे रणनीतिक संबंध का महत्व बढ़ेगा बल्कि इस क्षेत्र में अमेरिका की पूर्ण बल के साथ दीर्घकालिक उपस्थिति भी सुनिश्चित करेगा.” वहीं, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि जीईएस के जरिये वे उद्यमिता, स्टार्ट-अप्स, प्रौद्योगिकी विघटन व नवाचार के लिए बेहतर माहौल तैयार कर रहे हैं.