कराधान, लाइसेंस, निवेशक संरक्षण में सुधार और दिवाला एवं ऋण शोधन समाधान से भारत विश्वबैंक की व्यापार सुगमता रिपोर्ट में 30 पायदान उछलकर 100वें स्थान पर पहुंच गया है.
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने उम्मीद जतायी है कि भारत कारोबार सुगमता रैंकिंग में अगले दो साल में शीर्ष 50 देशों में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि इसकी वजह नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सुधार की दिशा में उठाये गये कदम हैं. उल्लेखनीय है कि कराधान, लाइसेंस, निवेशक संरक्षण में सुधार और दिवाला एवं ऋण शोधन समाधान से भारत विश्वबैंक की व्यापार सुगमता रिपोर्ट में 30 पायदान उछलकर 100वें स्थान पर पहुंच गया है. सीएनएन-न्यूज18 को दिये साक्षात्कार में कांत ने कहा, ‘‘अगले दो साल में भारत निश्चित रूप से 50 शीर्ष देशों की सूची में शामिल होगा और तीन साल में हमें भारत को शीर्ष 20 देशों की सूची में शामिल करने का लक्ष्य रखा जाना चाहिए. यह किया जा सकता है. इसका कारण वे सुधार हैं जो पिछले तीन साल से किये जा रहे हैं.’’ विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट 2018 को 31 अक्तूबर को जारी किया गया. इसमें 190 देशों को शामिल किया गया है.
भारत ने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट रैंकिंग में लंबी छलांग लगायी है. देश की रैंकिंग 30 पायदान सुधरकर 100वें स्थान पर पहुंच गयी. इससे उत्साहित सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया जिससे देश आने वाले वर्ष में कारोबार सुगमता के मामले में शीर्ष 50 देशों में शामिल हो सकता है. नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी. पिछले साल यह 130 थी. इस साल भारत एकमात्र बड़ा देश है जिसने कराधान, निर्माण परमिट, निवेशक संरक्षण और ऋण शोधन के लिये उठाये गये कदम के दम पर यह बड़ी उपलब्धि हासिल की.
विश्व बैंक ने कहा इस साल के आकलन में यह शीर्ष 10 सुधारकर्ता देशों में एक है. कारोबार सुगमता के 10 संकेतकों में से आठ में सुधारों को क्रियान्वित किया गया. यह पहला मौका है जब भारत इस मामले में पहले 100 देशों में शामिल हुआ है. इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार सुधार, निष्पादन और रूपांतरण के मंत्र के साथ रैंकिंग में और सुधार तथा आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने कारोबार सुगमता में भारत की रैंकिंग में उछाल की सराहना की और कहा कि यह चौतरफा तथा विविध क्षेत्रों में किये गये सुधारों का नतीजा है.