यह डिस्काउंट 10 फीसदी से लेकर 50 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. इस योजना का सीधा लाभ यात्रियों को होगा. रेलवे की नई प्लानिंग के तहत आप चार्ट लगने के बाद भी और डिस्काउंट लेकर यात्रा कर सकते हैं.
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान रखते हुए रेलवे समय-समय पर नई सुविधाएं देती रहती है. नई योजना के तहत इंडियन रेलवे (indian railway) ने पैसेंजर के लिए डिस्काउंट ऑफर की पेशकश की है. यह डिस्काउंट 10 फीसदी से लेकर 50 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. इस योजना का सीधा लाभ यात्रियों को होगा. रेलवे की नई प्लानिंग के तहत आप चार्ट लगने के बाद भी और डिस्काउंट लेकर यात्रा कर सकते हैं. आपको बता दें कि इंडियन रेलवे की तरफ से तैयार किए जा रहे डायनेमिक प्राइसिंग मॉडल में इस तरह के प्रपोजल मिल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार रेलवे की हाईलेवल कमेटी के पास ट्रेनों को 3 कैटेगरी में बांटने का प्रपोजल आया है. आगे पढ़िए क्या है रेलवे की पूरी प्लानिंग…
गौरतलब है कि पिछले साल रेलवे की तरफ से कुछ प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर मॉडल शुरू किया गया था. इस मॉडल के अनुसार पीक ऑवर में ट्रेनों का किराया बढ़ जाता है. यानी जैसे-जैसे ट्रेन की खुलने की तारीख नजदीक आती है, ट्रेन का टिकट महंगा होता रहता है. इस बुकिंग मॉडल से रेलवे को रेवेन्यू में का तो फायदा हुआ लेकिन यात्रियों की संख्या कम हो गई.
एक प्रमुख वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार वेस्टर्न रेलवे की एक रिपोर्ट बताती है कि फ्लेक्सी फेयर की वजह से इस जोन में जनवरी से अक्टूबर 2017 के बीच लगभग 1.34 लाख पैसेंजर्स घट गए. इस दौरान वेस्टर्न रेलवे ने करीब 54 करोड़ रुपए ज्यादा रेवेन्यू हासिल किया. इस दौरान 2nd एसी का किराया हवाई जहाज के किराए से भी ज्यादा हो गया. इससे यात्रियों की संख्या में कमी आई.
हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अब रेलवे का किराया एयरलाइंस की तरह डायनेमिक प्राइसिंग मॉडल से तय किया जाएगा. इसके तहत ट्रेन का किराया बढ़ने के साथ ही घटेगा भी, यानी यदि किसी ट्रेन में सीटें खाली हैं तो यात्रियों को किराए में डिस्काउंट दिया जाएगा. इसके लिए रेलवे की तरफ से एक हार्इ लेवल कमेटी भी बनाई गई है.
यह है प्रपोजल
एक वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार रेलवे की कमेटी की तरफ से प्रपोजल आया है कि ट्रेनों को यात्री सुविधा, टाइमिंग और कैटरिंग सर्विस के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा. इसमें सुपर प्रीमियम ट्रेन, प्रीमियम ट्रेन और नॉन प्रीमियम ट्रेन की लिस्ट होगी. सुपर प्रीमियम ट्रेन की सालाना पंक्चुअल्टी 90 प्रतिशत से ज्यादा होगी. इसमें कस्टमर्स फीडबैक भी शामिल होगा.
सीजन के हिसाब से कैटेगरी
कमेटी की तरफ से यह भी सुझाव दिया गया है कि पूरे साल को छुट्टियों, त्योहारों, मैरिज और एग्जाम सीजन के आधार पर पीक, नॉन पीक और स्लैक सीजन में बांटा जाएगा. पीक सीजन में सुपर प्रीमियम ट्रेनों का किराया ज्यादा बढ़ाया जाएगा, जबकि नॉन पीक सीजन में थोड़ा और स्लैक सीजन में डिस्काउंट ऑफर किया जाएगा. इसी तरह पीक सीजन में प्रीमियम ट्रेनों का किराया कम ही बढ़ाया जाएगा, लेकिन नॉन-पीक और स्लैक सीजन में बेस रेट पर या किराए में छूट दी जाएगी. नॉन प्रीमियम ट्रेन में भी पीक सीजन में थोड़ा-बहुत किराया बढ़ाया जाएगा, जबकि नॉन-पीक में अच्छा खासा डिस्काउंट ऑफर किया जा सकता है.
ऐसे बढ़ेगा किराया
सुपर प्रीमियम ट्रेन में पीक सीजन के दौरान पहली 10 फीसदी बर्थ पर नॉर्मल किराया रहेगा. इसके बाद अगली 10 फीसदी बर्थ पर 10 फीसदी किराए में वृद्धि होगी. अगली 10 फीसदी बर्थ पर फिर से 10 फीसदी की वृद्धि की जाएगी. इस हिसाब से किराये की अपर लिमिट तय नहीं है. हालांकि, यात्रा की तिथि से दो दिन पहले किसी ट्रेन के 50 फीसदी टिकट ही बिके हों तो हर 12 घंटे में टिकट का किराया इसी स्लैब के अनुसार कम होता चला जाएगा. यह तब तक जारी रहेगा जब तक चार्ट नहीं लग जाता. चार्ट लगने के बाद भी ट्रेन खुलने से पहले तक सीटें खाली रहने पर 10 फीसदी डिस्काउंट और दिया जा सकता है.