विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति 2.61 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही. पिछले महीने यह 2.62 प्रतिशत थी.
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 3.93 प्रतिशत के आठ महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई. प्याज और अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ी है. अक्तूबर में थोक मुद्रास्फीति 3.59 प्रतिशत पर थी, जबकि पिछले साल नवंबर में यह 1.82 प्रतिशत थी. नवंबर में थोक मुद्रास्फीति का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष में अभी तक सबसे ऊंचा है. इससे पहले अप्रैल में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 3.85 प्रतिशत पर पहुंची थी. वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, माह के दौरान सालाना आधार पर प्याज के दाम 178.19 प्रतिशत बढ़े. सीजन की अन्य सब्जियों की कीमतों में भी 59.80 प्रतिशत का इजाफा हुआ. अक्तूबर में इन सब्जियों के दाम 36.61 प्रतिशत बढ़े थे.
प्रोटीन वाले उत्पादों मसलन अंडा, मांस और मछली की श्रेणी में मुद्रास्फीति 4.73 प्रतिशत रही. इससे पिछले महीने यह 5.76 प्रतिशत थी. नवंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 6.06 प्रतिशत हो गई, जो अक्तूबर में 4.30 प्रतिशत थी. विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति 2.61 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही. पिछले महीने यह 2.62 प्रतिशत थी. इससे पहले पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 4.88 प्रतिशत के 15 महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी.
उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि पेट्रोल और हाई स्पीड डीजल कीमतों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से लगातार चढ़ रही हैं. नीति निर्माताओं को इस पर ध्यान देना होगा क्योंकि इससे आयात बिल प्रभावित हो सकता है. केयर रेटिंग्स ने कहा कि रबी फसल कम रहने से मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना रहेगा, क्योंकि इस साल बुवाई क्षेत्र कम रहा है. इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में प्राथमिक खाद्य उत्पादों तथा मुख्य मुद्रास्फीति की वजह से बढ़ोतरी हुई है.
इससे पहले विनिर्माण एवं खनन क्षेत्र में नरमी तथा टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद के उत्पादन में गिरावट के चलते अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर गिर कर 2.2 प्रतिशत पर आ गयी. यह तीन महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि का न्यूनतम स्तर है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा मंगलवार (12 दिसंबर) को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 4.2 प्रतिशत थी. इस साल सितंबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 4.14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्तूबर की सात माह की अवधि में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि महज 2.5 प्रतिशत रही है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में औद्योगिक वृद्धि 5.5 प्रतिशत थी.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्तूबर में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल इस इसी माह इस क्षेत्र की वृद्धि 4.8 प्रतिशत थी. आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र का भारांक 77.63 प्रतिशत है. अप्रैल – अक्तूबर 2017-18 के सात माह के दौरान विनिर्माण क्षेत्र पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 5.9 प्रतिशत की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सका.
सब्जियों के दाम जल्द घटने की उम्मीद: डीईए
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि सब्जियों के दाम में जल्द ही कमी आएगी. उल्लेखनीय है कि नवंबर महीने में उपभोक्ता व थोक मुद्रास्फीति दोनों में ही तेजी आई. गर्ग ने एक ट्वीट में कहा है कि यह सप्ताह आर्थिक डेटा के मोर्चे पर मिले जुले समाचार लेकर आया. उन्होंने लिखा है, ‘उम्मीद है कि सब्जियों के दाम जल्द ही कम होंगे.’ कारोबारियों का कहना है कि उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्ति बढ़ने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के थोक व खुदरा बाजारों में प्याज तथा टमाटर के दाम घटने शुरू हो गए हैं.