बैंक खातों और मोबाइल नंबर के अलावा तमाम सरकारी योजनाओं में आधार को लिंक करने के बाद बीमा पॉलिसियों के लिए भी आधार को जरूरी कर दिया गया है.
बैंक खातों और मोबाइल नंबर के अलावा तमाम सरकारी योजनाओं में आधार को लिंक करने के बाद बीमा पॉलिसियों के लिए भी आधार को जरूरी कर दिया गया है. बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) की तरफ से बुधवार को कहा गया कि आधार को बीमा पॉलिसियों से जोड़ना जरूरी है. इरडा ने सभी बीमा कंपनियों से इस संवैधानिक नियमों का अनुपालन करने के लिए कहा है. इरडा ने कहा कि मनी लांड्रिंग रोधक (रिकार्ड का रखरखाव) दूसरा संशोधन नियम, 2017 के तहत आधार नंबर को बीमा पालिसियों से जोड़ना अनिवार्य है.
इरडा ने एलआईसी समेत सभी जीवन बीमा और साधारण बीमा कंपनियों को भेजी सूचना में कहा है कि उन्हें इस निर्देश का क्रियान्वयन बिना विलंब के करना होगा. इस नियम के बाद इंश्योरेंस कंपनियों के सामने चुनौती खड़ी हो सकती है. इरडा के तरफ से जारी किए गए इस आदेश का असर यह होगा कि कंपनियां पेमेंट करने से पहले पॉलिसीहोल्डर्स को आधार और PAN नंबर जमा करने को कहेंगी और ऐसा नहीं करने पर भुगतान रोका जा सकता है.
इरडा के नोटिफिकेशन में मौजूदा पॉलिसी को भी आधार और पैन से लिंक करने का निर्देश दिया गया था. आईआरडीएआई (लाइफ) के सदस्य नीलेश साठे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सभी कंपनियों को सूचित कर दिया गया है कि उन्हें इस कानून का पालन करना होगा.
बीमा कंपनियों को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि निर्देशों में वैधानिक ताकत निहित है, इसलिए लाइफ और अन्य बीमा प्रदाताओं को इस जल्द लागू करना होगा. लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को कैश देकर क्लेम सेटल करने से पहले ही मना कर दिया गया है. कई बीमा कंपनियां सभी तरह की पॉलिसी के लिए पैन नंबर मांगती हैं जबकि इसकी अनिवार्यता 50,000 रुपए से ज्यादा के कैश प्रीमियम में ही होती है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करने के लिए एसएमएस भेजकर ग्राहकों में खलबली मचाने के लिए मना किया है. इसके बावजूद इरडा की तरफ से अब यह आदेश दिया गया है. इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ आधार लिंक करने की प्रक्रिया भी बैंक खाते की ही तरह होगी.