सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में मारुति ने 57,300 यात्री वाहनों की इकाइयों का निर्यात किया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक है.
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में हुंदै मोटर इंडिया लिमिडेट को पछाड़ कर मारुति सुजुकी इंडिया भारत की सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्यातक कंपनी बन गई है. वोक्सवैगन और जनरल मोटर्स से पिछड़ते हुए हुंदै चौथे स्थान पर है. सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में मारुति ने 57,300 यात्री वाहनों की इकाइयों का निर्यात किया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक है. पिछले साल अप्रैल-सितंबर में मारुति ने 54,008 इकाइयों का निर्यात किया था.
लंबे समय से सबसे बड़ी निर्यातक रही हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड ने पिछले साल 63,014 इकाइयों के मुकाबले इस वर्ष 44,585 इकाइयों का निर्यात किया. उसके निर्यात में 29.25 प्रतिशत की गिरावट रही. भारत से निर्यात होने वाले यात्री वाहनों के मामले में हुंदै, वोक्सवैगन और जनरल मोटर्स इंडिया से पिछड़ गई है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में फाक्सवैगन इंडिया का निर्यात 16.92 प्रतिशत बढ़कर 50,410 इकाई रहा.
वर्तमान में वह मारुति के बाद दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. पिछले वर्ष समान अवधि में उसका निर्यात 43,114 इकाई रहा था. वहीं, जनरल मोटर्स इस सूची में तीसरे पायदान पर है. इस साल 18 मई को जनरल मोटर्स ने भारत में वाहनों की बिक्री बंद करने का फैसला किया था. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी ने पिछले साल 30,613 इकाइयों की तुलना में 47.72 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इस वर्ष 45,222 इकाइयों का निर्यात किया है. अमेरिका की दूसरी दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड ने यात्रा वाहन निर्यात के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया.
वह पांचवें स्थान पर रहा. कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 42,412 इकाइयों का निर्यात किया है. पिछली साल तीसरी सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी रही निसान मोटर इंडिया का निर्यात इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में 37.11 प्रतिशत गिरकर 30,872 इकाइयां रही. पिछले वर्ष समान अवधि में यह आंकड़ा 49,091 इकाई था. निसान इस बार छठवें स्थान पर रही.